मेरठ: हिंदू बहुल इलाके में घर खरीदने पर मिली धमकी- यहां मुसलमानों को रहने नहीं देंगे

उत्तर प्रदेश में मेरठ शहर के स्थानीय हिंदू बहुल क्षेत्र में भारी विरोध के बाद एक मुस्लिम परिवार ने अब अपना मकान बेचने का फैसला लिया है। पुलिस ने बताया कि यहां मुस्लिम परिवार के रहने पर स्थानीय निवासियों के साथ भाजपा नेताओं ने भी विरोध जताया था। दरअसल पिछले दिनों एक मुस्लिम शख्स नौमान ने मालीवाड़ा में एक हिंदू, संजय रस्तौगी से मकान खरीदा था। इसपर बीते रविवार (17 दिसंबर) को वह अपने परिवार के साथ मकान का कब्जा लेने के लिए पहुंचे तो स्थानीय निवासियों ने इसका जमकर विरोध किया। भाजपा पार्षद संदीप गोयल और भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के महासचिव दीपक शर्मा ने भी इसका विरोध किया। मामले में विवाद बढ़ता देख पुलिस नौमान और रस्तौगी को पुलिस स्टेशन लेकर पहुंची। जहां निर्णय लिया गया है कि खरीददार मकान वापस करेगा और उसे पैसे दिए जाएंगे।

घटना मामले में एक स्थायीन दुकानदार ने बताया, ‘जूलरी शॉप के मालिक सजंय रस्तौगी ने अपना दो मंजिला मकान 22.5 लाख रुपए में नौमान को बेचा था। इस शनिवार को वह अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे थे। थोड़ी देर बाद ही स्थानीय निवासी घर के बाहर एकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन शूरू कर दिया। कहा गया कि यह हिंदु बहुल क्षेत्र है इसलिए यहां मुस्लिमों को नहीं रहने दिया जाएगा।’ दुकानदार ने आगे बताया कि करीब एक घंटे के अंदर 200 लोग घर के बाहर इकट्ठा हो गए। सभी ने नौमान से घर खाली करने को कहा। इस दौरान कुछ युवाओं ने भाजपा समर्थित और हिंदू धर्म से जुड़े नारे लगाए। इसके थोड़ी देर बाद भाजपा नेता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए।

इस दौरान बीजेवाईएम महासचिव दीपक शर्मा ने दावा किया कि क्षेत्र में मुस्लिमों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘यह पुराने शहर का इलाका है। हिंदू लगातार अपने मकान बेचकर जा रहे हैं जबकि मुस्लिम उन्हें खरीद रहे हैं। उनकी संस्कृति, सोच और जीने का तरीका हमने बिल्कुल अलग है। यहां भी एक मकान बेचने से शुरुआत हुई है और धीरे-धीरे पूरा इलाका मुस्लिम बहुल क्षेत्र बन जाएगा। इसलिए हम ऐसा नहीं होने दे सकते।’

दूसरी तरफ मेरठ शहर के एसपी मान सिंह चौहान का मामले में कहना है कि नौमान के घर के बाहर भीड़ इकट्टा होने के बाद वहां एक टीम को भेजा गया और लोगों को शांत कराया गया। वहीं नौमान ने अब घर छोड़ने का फैसला लिया है। हालांकि हमने उन्हें सुरक्षा देने की बात कही है अगर वह खरीदे गए नए घर में रहना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने फैसला लिया है कि वह घर छोड़ देंगे अगर उन्हें पैसे वापस मिल जाएं।

 

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