पहली बार सचिन तेंदुलकर राज्‍य सभा में करेंगे बहस की शुरुआत, जानिए किस मुद्दे पर बोलेंगे

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले पूर्व खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर पहली बार राज्य सभा में गुरुवार (21 दिसंबर) को बहस की शुरुआत करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह इस दौरान बच्चों के लिए ‘खेलने का अधिकार’ दिए जाने की मांग करेंगे। हालांकि पूर्व में संसद के इस उच्च सदन की ज्यादातर बैठकों में भाग ना लेने के कारण सचिन निशाने पर आते रहे हैं। लेकिन इस बार उन्होंने नोटिस देकर बहस का नेतृत्व करने का फैसला लिया है। खास बात यह है कि साल 2012 में राज्यसभा पहुंचे सचिन ने इससे पहले कभी सदन में बहस की शुरुआत नहीं की है। एक ऑनलाइन वेब पोर्टल के अनुसार भाजपा सांसद रणविजय सिंह और कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने समर्थन किया है। सचिन द्वारा बच्चों के लिए खेलने का अधिकार दिए जाने की मांग से पहले करीब दो महीना पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस क्षेत्र में अपनी राय दे चुके हैं।

तब उन्होंने खेल के क्षेत्र और अन्य शारीरिक गितिविधियों में बच्चों द्वारा भाग ना लेने और उनके मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की थी। पीएम मोदी ने कहा कि था कि भारतीय बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.80 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार हैं। इनमें दो साल से 19 साल तक के युवाओं की संख्या 1.44 लाख बताई गई।

जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व में राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सचिन तेंदुलकर और रेखा की अनुपस्थिति पर हमला करते हुए कहा था कि इन लोगों को सदन से निकाल देना चाहिए। सपा सांसद ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा था कि जब सचिन और रेखा सदन में आते ही नहीं हैं, तो क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर उन्हें सदन से निकाल दिया जाए।

नरेश अग्रवाल ने इन दोनों सदस्यों पर करारा प्रहार करते हुए कहा था कि अगर हम विजय माल्या को सदन से निकाल सकते हैं तो इन्हें क्यों नहीं। दरअसल राज्यसभा सांसद बनने के बाद से ही सचिन और रेखा की सदन से गैरमौजूदगी विवादों में रही है। अपने-अपने क्षेत्र के इन दोनों ही धुरंधरों की सदन में उपस्थिति बहुत कम रही है।

 

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