अजीत डोभाल के बेटे ने भाजपा की बैठक में की शिरकत, इस राज्य से शुरू कर सकते हैं राजनीति
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल एक फिर से चर्चा में हैं। शौर्य ने हाल में हलद्वानी में संपन्न भाजपा कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। इससे पहले शौर्य डोभाल रायबर उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में भी दिखे थे। भाजपा की बैठक में उनकी मौजूदगी को लेकर राजनीतिक गलियारेे में अटकलों का बाजार गरम हो गया है। माना जा रहा कि वह उत्तराखंड से अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं। शौर्य ‘इंडिया फाउंडेशन’ नामक थिंक-टैंक भी चलाते हैं, जिसमेें भाजपा महासचिव राम माधव, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु जैसे लोग शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और एमजे अकबर भी शौर्य डोभाल की संस्था से जुड़े हैं।
भाजपा कार्यसमिति की बैठक में शौर्य की मौजूदगी के बाद पार्टी को सफाई देनी पड़ी है। भाजपा के उत्तराखंड प्रमुख अजय भट्ट ने कहा कि शौर्य भाजपा के सदस्य हैं और बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें ‘विशेष आमंत्रित व्यक्ति’ के तौर पर बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि शौर्य डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम का हिस्सा रहे हैं और नीतिगत मसलों पर काम करते रहे हैं। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि बैठक में शौर्य की मौजूदगी उत्तराखंड से राजनीतिक यात्रा शुरू करने का संकेत है। भाजपा कार्यसमिति की बैठक का आयोजन पिछले सप्ताह शनिवार और रविवार को किया गया था।
इंडिया फाउंडेशन में केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी पर उठे थे सवाल: शौर्य डोभाल की संस्था में केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने पर सवाल उठा था। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसको लेकर कई सवाल दागे थे। कांग्रेस ने इंडिया फाउंडेशन में केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने पर सवाल उठाया था। इसके बाद शौर्य डोभाल के साथ ही मंत्रियों को भी सफाई देनी पड़ी थी। भाजपा ने इसको लेकर लगाए गए आरोपों को खारिज कर किया था। इससे पहले शौर्य डोभाल एक फोटो में भाजपा के उत्तराखंड संगठन प्रमुख अजेंद्र अजय के साथ देखे गए थे। उस वक्त से ही उनके राजनीति में कदम रखने की बात कही जाने लगी थी। मालूम हो कि अजीत डोभाल उत्तराखंड के पौरी जिले के रहने वाले हैं। वह आखिरी बार 2015 में अपने गांव गए थे।