सेना के खास अभ्यास के गवाह बने आर्मी चीफ, बोले- लगता नहीं कि पाकिस्तान को चाहिए शांति


आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि भारत हमेशा से पड़ोसी मुल्कों के साथ दोस्ताना संबंधों का पक्षधर रहा है लेकिन जिस तरह से पड़ोसी मुल्क जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ा रहा है और अन्य हरकतें कर रहा है, उससे नहीं लगता कि उधर के लोग शांति चाहते हैं। राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाक सीमा के निकट सेना के खास अभ्यास कार्यक्रम ‘हमेशा विजयी’ में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी देश आतंकियों के खिलाफ कदम उठाती है तो भारत बातचीत करने को राजी है। आर्मी चीफ ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही ये बातें कहीं। बता दें कि पिछले करीब डेढ़ साल से भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक बातचीत बंद है।

बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख जनरल रावत का सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बयान आया था। उन्होंने कहा था कि पिछले साल  नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए एक संदेश था, और उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर और भी इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत दिया। यह बात रावत ने इंडियाज मोस्ट फीयरलेस नामक किताब की लॉन्चिग के दौरान कही थी। उन्होंने कहा था कि स्ट्राइक एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे। मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है।

बता दें कि इस किताब में म्यांमार सीमा और नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सामाग्री है। रावत ने कहा कि आतंकवादी लगातार आते रहेंगे और भारतीय सैनिक उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं। आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे।”

 

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