निर्मला सीतारमण बनीं रक्षा मंत्री, पहली बार किसी महिला को मिली ये जिम्मेदारी
कैबिनेट विस्तार में प्रमोशन पाईं निर्मला सीतारमण को देश का नया रक्षा मंत्री बनाया गया है। निर्मला सीतारमण इससे पहले देश की वाणिज्य मंत्री थीं। इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने रक्षा मंत्रालय खुद अपने पास रक्षा था। इंदिरा गांधी का छोड़ दें तो निर्मला सीतारमण देश की पहली ऐसी महिला हैं जिन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अमेरिका में वीजा नियमों में सख्ती से भारतीय कंपनियों, और खासतौर पर आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रभावित होने को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की चिंता को असरदार तरीके से रखने वाली निर्मला सीतारमण का आज ही नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में प्रमोशन हुआ है। आज उन्हें कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है। आंध्रप्रदेश की रहने वाली निर्मला सीतारमण अब तक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: के तौर मंत्रिपरिषद में जिम्मेदारी संभाल रही थीं। इसस पहले उन्होंने वित्त एवं कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री का दायित्व निर्वाह किया। भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता रह चुकीं निर्मला इस पार्टी से साल 2006 में जुड़ी थीं। प्रवक्ता के तौर पर उन्होंने विभिन्न मीडिया मंचों पर अपनी पार्टी की नीतियों का प्रभावी तरीके से प्रचार प्रसार एवं बचाव किया। दिलचस्प बात यह है कि इस भूमिका में रहते हुए निर्मला दिल्ली की तुलना में गुजरात में खासी लोकप्रिय हो गई थीं। वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए तब भाजपा की प्रवक्ता रहते हुए निर्मला ने ‘‘प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी’’ संदेश का असरदार तरीके से प्रचार किया।
वह आंध्रप्रदेश से और बाद में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं। 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में जन्मीं निर्मला ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री ली । फिर उन्होंने ‘जीएटीटी के दायरे में भारत यूरोपीय कपड़ा व्यापार’ में पीएचडी तथा एमफिल किया। बेहद सरल स्वभाव की निर्मला का पसंदीदा विषय ‘वैश्वीकरण और विकासशील देशों पर उसका असर’ था। वर्ष 1986 में निर्मला का विवाह परकाला प्रभाकर से हुआ और यह जोड़ा लंदन चला गया। वहां निर्मला ने प्राइज वाटर हाउस कूपर्स में वरिष्ठ प्रबंधक के तौर पर अपनी सेवाएं दीं और बीबीसी वर्ल्ड र्सिवस के लिए काम किया। वर्ष 1991 में निर्मला और उनके पति भारत आ गए। हैदराबाद में संचालित प्रणव स्कूल की संस्थापक सदस्य निर्मला वर्ष 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं।
बतौर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने कई मौर्चे पर चुनौतियां है। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर उल्लंघन की घटना देश की सुरक्षा के लिए परेशानी का सबब बन हुआ है। डोकलाम विवाद का अस्थायी हल निकलने के बावजूद चीन को लेकर देश की चिंता बरकरार है। नयी रक्षा मंत्री को इन दोनों मोर्चों पर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय देना होगा। इसके अलावा आतंकवाद, सेना का आधुनिकीकरण, हथियारों की खरीद, राफेल डील जैसे कई मुद्दे हैं, जहां निर्मला सीतारमण की लीडरशिप क्वालिटी की परीक्षा होगी।