मैजेंटा लाइन के पहले सफर के साथ ‘बड़ा दिन’ मनाएंगे मुसाफिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन का उद्घाटन करेंगे। 12.64 किलोमीटर लंबी यह लाइन नोएडा के बॉटनिकल गार्डन को दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी मंदिर से जोड़ेगी। उद्घाटन के बाद यात्रियों के लिए पहली मेट्रो शाम पांच बजे शुरू होगी, जो मुसाफिरों को लेकर कालका जी तक जाएगी।  मैजेंटा लाइन बॉटनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम तक के 38.23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का हिस्सा है। फिलहाल इसका पहला सेक्शन यानी बॉटनिकल गार्डन से कालका जी मंदिर तक को ही शुरू किया जा रहा है जिसका उद््घाटन कल होगा। इस रूट के जरिए नोएडा से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जाने वाले यात्री एअरपोर्ट लिंक तक जा सकेंगे। इसके अलावा फरीदाबाद व गुरुग्राम जाने के लिए कालका जी और हौज खास में ट्रेनें बदली जा सकती हैं।  बॉटनिकल गार्डन से कालका जी तक के 12.64 किलोमीटर लंबे रूट पर दो इंटरचेंज स्टेशन हैं। इंटरचेंज के बाद यहां रोजाना करीब 97780 यात्री सफर करेंगे। इस रूट पर शुरुआत में 5 मिनट 14 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी पर ट्रेनें चलाई जाएंगी। पहले चरण में कुल 10 ट्रेनें चलाई जाएंगी, जोकि छह कोच वाली होंगी।

सौर ऊर्जा पर आधारित हैं नौ मेट्रो स्टेशन
मैजेंटा लाइन के नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की ओर से प्लेटिनम के तौर पर प्रमाणित किया गया है। इन स्टेशनों की छत पर 908 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। कालका जी के मैजेंटा और वायलेट लाइन स्टेशनों के बीच संपर्क बनाने वाले फुट ओवरब्रिज पर 25 किलोवाट क्षमता का संयंत्र और कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन की छत पर 1077 किलोवाट का संयंत्र लगाया गया है। इसके अलावा जसोला एलिवेटेड स्टेबलिंग लाइनों पर 1.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की भी योजना है।

एनसीआर का पहला इंटरचेंज स्टेशन
मैजेंटा लाइन की शुरुआत के साथ ही बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन एनसीआर का पहला इंटरचेंज बन गया है। ब्लूलाइन को जोड़ने के लिए एलिवेटेड प्लेटफॉर्म को तीन जगहों से इंटरकनेक्ट किया गया है। वहीं, पहली मंजिल पर दो स्थानों से इंटरकनेक्ट किया गया है। मैजेंटा लाइन के प्लेटफार्म पर प्रवेश के लिए 12 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। यात्रियों को बाहर जाने के लिए ब्लूलाइन के गेट का प्रयोग करना होगा। दोनों लाइनों के स्टेशनों को जोड़ने वाले कॉरिडोर पर पैदल चिह्न बनाए गए हैं। ये ब्लू और मैजेंटा रंग के हैं, ताकि मुसाफिरों को सही प्लेटफार्म की जानकारी मिल सके। यात्रा का टोकन लेने के लिए यहां पांच टोकन वेडिंग मशीनें लगाने के अलावा अलग से काउंटर बनाए गए हैं। प्लेटफार्म पर ही आपातकालीन सेवा के लिए भी काउंटर बनाए गए हैं।

प्लेटफॉर्मों पर भी लगे हैं दरवाजे
मैजेंटा लाइन पर पहली बार प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएसडी शीशे की बनी स्क्रीन होती है, जिन्हें प्लेटफॉर्म के किनारे लगाया जाता है। ये तभी खुलती हैं, जब ट्रेन स्टेशन पर आती है और ट्रेन के रवाना होते ही ये दरवाजे फिर बंद हो जाते हैं। सुरक्षा के लिहाज से ट्रÑेनों के हर कोच में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेनों में एलईडी स्क्रीन लगी है, जिससे आने वाले स्टेशनों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

स्टैंडर्ड गेज पर होगी मैजेंटा लाइन
डीएमआरसी की यह पहली मेट्रो लाइन है जो स्टैंडर्ड गेज पर आधारित होगी। ब्लूलाइन ब्रॉड गेज पर आधारित है। स्टैंडर्ड गेज होने से मेट्रो के अंदर यात्रियों को ज्यादा जगह मिलेगी, यानी इसकी क्षमता ज्यादा होगी। इसके अलावा मैजेंटा लाइन की ट्रेनों को चालकरहित करने का भी विकल्प है, लेकिन दो से तीन साल तक इनमें चालक रहेंगे। इसके बाद यात्रियों की प्रतिक्रिया के आधार पर ट्रेनों को चालकरहित किया जा सकता है।

 

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