जेल में लालू: मिल रहा VIP ट्रीटमेंट, बाहर नेताओं ने की हरिश्चन्द्र, राम से तुलना, बोले- फाटक टूटेगा, लालू छूटेगा

चारा घोटाला के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद बिरसा मुंडा जेल भेजे गये राजद प्रमुख लालू प्रसाद को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दी जा रही है। जेल अधिकारियों के मुताबिक उन्हें अखबार और टेलीविजन सेट की सुविधा दी गयी है। बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि जेल नियमावली के अनुसार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सप्ताह के कामकाजी दिनों में सुबह आठ बजे और दोपहर 12 के दौरान मुलाकातियों से भेंट कर सकते हैं। वर्ष 2014 में प्रसाद का दिल का ऑपरेशन हुआ था और उनका खान पान काफी संयमित है। लालू जेल में शाकाहारी खाना ले रहे हैं। राजद की झारखंड इकाई की अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि लालू यादव को पहले दिन जेल का खाना दिया गया था। राजद की वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि आगामी दिनों में वे (जेल के अधिकारी) उन्हें घर का बना खाना देने पर विचार कर सकते हैं। इधर रविवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी के 100 दूसरे नेताओं के साथ मिलकर बिरसा मुंडा जेल के बाहर प्रदर्शन किया। ये नेता नियमों के विपरित रविवार को ही लालू यादव से मिलना चाह रहे थे। जबकि नियमों के मुताबिक कामकाजी दिनों में ही जेल में बंद कैदियों से मुलाकात की जा सकती है।

मुलाकात की अनुमति ना दिये जाने के बाद ये नेता हंगामा और नारेबाजी करने लगे। जेल के बाहर मौजूद दर्जनों नेता, ‘जेल का फाटक टूटेगा, लालू यादव छूटेगा’, ‘दम है कितना दमन में तेरे देख लिया है देखेंगे, जगह है कितनी जेल में तेरे देख लिया है देखेंगे, कितनी लंबी जेल है तेरी देख लिया है देखेंगे’ जैसे नारे लगा रहे थे। दोपहर पौने एक बजे से लगभग एक घंटे तक इन नेताओं का हंगामा जारी रहा। सदर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज दयानंद कुमार ने बताया कि कई बार समझाने के बाद ही ये नेता वहां से हटने को तैयार हुए। सूत्रों के मुताबिक जेल में लालू यादव अपनी अदालती कार्रवाई से जुड़ी सारी खबरें पढ़ रहे हैं।

आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, बिहार आरजेडी के अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे और झारखंड आरजेडी की अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने लालू यादव की तुलना राजा हरीशचंद्र, भगवान राम और पांडवों से की। रघुवंश प्रसाद सिंह ने रांची में पार्टी के दफ्तर में कहा, ‘भगवान राम और पांडवों ने क्या अपराध किया था जो उन्हें निर्वासन की सजा मिली? राजा हरीशचंद्र ने क्या अपराध किया था जो उन्हें खुद को एक श्मशान घाट के मालिक के पास बतौर दास बिकने को मजबूर होना पड़ा? जो कोई भी सच के लिए खड़ा हुआ है, गरीबों और पिछड़ों के लिए आवाज उठाई है उन्हें निशाना बनाया गया है, तंग किया गया है।’ आरजेडी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 

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