दबंगों ने नहीं करने दिया दलित का अंतिम संस्‍कार, घर के आगे जली चिता

देश में दलितों के खिलाफ अपराध के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन देश के किसी न किसी भाग से दलितों पर होते अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के भिंड जिले का है जहां पर एक दलित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को उसके शव को मुक्तिबोध में जलाने की इजाजत नहीं दी गई। यह मामला जिले के लोहरिकापुरा गांव का है जहां पर गांव के कुछ उच्च जाति के दबंगों ने मृत दलित व्यक्ति के शव को मुक्तिबोध में जलाने नहीं दिया, जिसके कारण उसके परिवार को अपने घर के सामने ही उसका दह-संस्कार करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 60 वर्षीय कप्तान वाल्मिकी काफी लम्बे समय से बिमार चल रहे थे।

वाल्मिकी का इलाज ग्वालियर के अस्पताल में चल रहा था। रविवार को वाल्मिकी की तबियत ज्यादा खराब हो गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल से परिवार वाल्मिकी के शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले आया। परिवार वाले जब वाल्मिकी के शव को मुक्तिबोध अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे तो उन्हें गांव के कुछ उच्च जाति के लोगों ने रोका और उन्हें वहां दह-संस्कार करने नहीं दिया। इसके बाद जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वाल्मिकी के बेटे लाल सिंह ने अपने घर के बाहर ही अपने पिता के शव को जलाया। इस मामले पर लाल सिंह ने कहा हम काफी देर तक शव को रख नहीं सकते थे इसलिए हमने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अपने घर के बाहर पूरी की।

इस मामले के सामने आने के बाद जिलाधिकारी इलया राजा टी ने एसडीएम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम डॉ. यूनुस कुरैशी ने कहा पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच के लिए गांव भेजा गया है। इस मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि हाल ही में कलेक्टर द्वारा अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को जमीन दी गई थी लेकिन गांव के कुछ दबंगों ने उसे अपने कब्जे में ले रखा है। इसके अलावा गांव में और कोई जगह नहीं है जहां पर मुर्दों को जलाया जा सके और उन्हें अंतिम संस्कार की प्रक्रिया गांव की सड़क पर पूरी करनी पड़ती है।

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