माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली पहली दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा का आरोप- महाकाल मंदिर प्रशासन ने उनकी दिव्यांगता का बनाया मजाक

माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा ने उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें एवरेस्ट पर चढ़ने में इतनी दिक्कत नहीं आई, जितना महाकाल मंदिर के दर्शन करने में आई। उन्होंने कहा, ‘‘इस मंदिर के सुरक्षा कर्मचारियों एवं मंदिर प्रशासन ने मेरी दिव्यांगता का मजाक बनाया।’’ अरुणिमा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्विटर पर सोमवार को लिखा, ‘‘मुझे आपको ये बताते हुए बहुत दु:ख है कि मुझे एवरेस्ट जाने में इतनी दिक्कत नहीं हुई, जितनी मुझे महाकाल मंदिर उज्जैन में हुई। वहाँ मेरी दिव्यंगता का मजाक बना।’’

गौरतलब है कि रविवार को तड़के साढ़े तीन से चार बजे के बीच अरुणिमा अपनी दो सहयोगी महिलाओं के साथ महाकाल मंदिर में होने वाली ‘भस्मारती’ में शामिल होने आई थीं। मंदिर के सुरक्षार्किमयों एवं कर्मचारियों ने उसे उसकी दो सहयोगी महिलाओं के साथ गर्भगृह में जाने से दो बार रोका। जिसके कारण उसकी उनसे लंबे समय तक बहस हुई। हालांकि, अरुणिमा ने बाद में मंदिर के दर्शन किए। इस घटना के बाद जब वह महाकाल के दर्शन करने के बाद बाहर आई तो रो पड़ी।

Arunima Sinha@sinha_arunima

मुझे आपको ये बताते हुए बहुत दुःख है की मुझे Everest जाने में इतना दुःख नहीं हुआ जीतना मुझे महाकाल मंदिर उज्जैन में हुआ वहाँ मेरी दिव्यंगता का मज़ाक़ बना । @PMOIndia @CMMadhyaPradesh

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले मंदिर कर्मचारियों ने उन्हें कहा, ‘‘भस्मारती को एलसीडी में देख लो। बाद में मुझे कहा कि खुद गर्भगृह में चले जाओ। मैं खुद नहीं जा सकती थी, इसलिए दोनों सहयोगियों को साथ ले जाने के आग्रह कर रही थी।’’ इस बीच, महाकाल मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा ने सोमवार को बताया कि इस घटना का हमें आज सुबह मीडिया में आई रिपोर्ट से पता चला है। इस संबंध में अरुणिमा ने न तो पुलिस में और न ही मंदिर प्रशासन में शिकायत दर्ज की है।
शर्मा ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए विकलांगों के लिए रैंप बना हुआ है। जिन-जिन लोगों के पास अनुमति रहती है, उन्हें मंदिर में अंदर जाने दिया जाता है। जिन-जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अरुणिमा को रोका है, उन्हें पूछेंगे कि उन्होंने उन्हें क्यों रोका। उन्होंने कहा, ‘‘हम सीसीटीवी के फुटेज भी देख रहे हैं, ताकि पता चले कि पुलिस एवं हमारे कार्यकर्ताओं से चूक कहां हुई?’’ शर्मा ने बताया कि इस मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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