केंद्रीय मंत्री के ‘संविधान बदलने’ वाले बयान से भाजपा ने बनाई दूरी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के इस बयान से मंगलवार को दूरी बना ली कि पार्टी देश के संविधान को बदलेगी और उसमें से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटा लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री के दिल की बात जुबां पर आ जाने के बाद कर्नाटक के लिए नियुक्त भाजपा प्रवक्ता वामनाचार्य ने सफाई देते हुए यहां आईएएनएस से कहा, “हेगड़े ने क्या कहा, पार्टी उसमें पड़ना नहीं चाहती। उन्होंने जो कुछ कहा, वह हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है।”
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े ने सोमवार को कहा था कि भाजपा ‘संविधान बदलने के लिए’ सत्ता में आई है।

कोप्पल जिले के कुकनूर में एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं।  उन्होंने कहा था, “जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं। 49 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, “अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हैं तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं। जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।”

मंत्री पद की शपथ लेते समय संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने की शपथ खाने वाले मंत्री के बिगड़े बोल को ‘अपमानजनक’ बताते हुए कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा कि भाजपा अब उन विचारों की निंदा करने लगी है, जिन पर संविधान आधारित है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा, “हमारा देश धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर बना है और इसमें सभी जातियों, पंथों, नस्लों और धर्मो के सह-अस्तित्व यानी मिलजुलकर रहने का प्रावधान है। हमारा संविधान विचारों पर आधारित है, जिसका अपमान भाजपा हेगड़े को की अपमानजनक बयान देने की छूट देकर कर रही है।

हेगड़े को इसी साल सितंबर में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के क्रम में केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। वह उत्तर कर्नाटक निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार लोकसभा सदस्य चुने जा चुके हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव अगले साल होना है, जिसकी तैयारी में भाजपा अभी से लग गई है। तटीय कर्नाटक में दंगों का दौर उसी का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा के सामने सत्तारूढ़ कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की चुनौती है।

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