दिल्ली में पानी और सीवर शुल्क हुआ 20 फीसद महंगा
दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी में पानी और सीवर शुल्क में संयुक्त रूप से 20 फीसदी वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी प्रतिमाह 20 हजार लीटर पानी इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगी। हालांकि पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि पानी की न सही लेकिन सीवर की बढ़ी हुई दरों का भुगतान उन उपभोक्ताओं को भी करना होगा जो प्रतिमाह 20 हजार लीटर तक पानी का इस्तेमाल करते हैं। नई दरें एक फरवरी 2018 से लागू होंगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की अगुआई में मंगलवार को हुई बोर्ड की बैठक में पानी-सीवर शुल्क में वृद्धि करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केजरीवाल के जल मंत्री का कार्यभार संभालने के महज तीन महीने के भीतर ही शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। कांग्रेस व भाजपा समेत आप के बागी विधायक व पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने जल बोर्ड के इस फैसले का विरोध किया है। साल 2015 में सत्ता में आने के कुछ दिन बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए शुल्क में दस फीसद की बढ़ोतरी की थी, जो शीला दीक्षित सरकार द्वारा 2009 में बनाए गए वार्षिक दस फीसद स्वत: दर बढ़ोतरी के मुताबिक था। लेकिन 2016 में सरकार ने स्वत: प्रणाली के खिलाफ फैसला किया और एक और बढ़ोतरी पर रोक लगा दी।
जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने बताया कि प्रतिमाह 20 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल करने वालों पर यह वृद्धि प्रभावी नहीं होगी, जबकि उससे ज्यादा पानी इस्तेमाल करने वालों पर भी यह वृद्धि मामूली होगी। उन्होंने कहा कि अभी 21 हजार लीटर पानी प्रतिमाह खर्च करने वालों को 286.89 रुपए का बिल भरना पड़ता है जबकि इस वृद्धि के बाद उन्हें करीब 28 रुपए ज्यादा 315.05 रुपए का बिल चुकाना होगा। इसी तरह प्रतिमाह 23 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल करने के बदले उपभोक्ताओं को पहले 465.55 रुपए देने होते थे जबकि अब उनको 514.79 रुपए देने होंगे। उन्होंने इसे सरकार की मजबूरी बताते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप कर्मचारियों को बढ़ी हुई तनख्वाह देने के लिए शुल्क में वृद्धि करना जरूरी था।
दूसरी ओर जल बोर्ड के फैसले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पानी-सीवर के शुल्क में की गई वृद्धि को सरासर गलत बताते हुए कहा कि मेट्रो के किराए में वृद्धि पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कलई खुल गई है। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से जनता पर 500 से 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। तिवारी ने यह भी कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस वृद्धि को वापस लेने की मांग करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि मुफ्त पानी देने का वादा कर सत्ता हासिल करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों पर तीन साल में 30 फीसद शुल्क वृद्धि का बोझ डाल दिया है। दूसरी ओर आप के बागी विधायक व पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि बिल सबके बढ़ेंगे क्योंकि पानी के साथ-साथ सीवर का शुल्क भी 20 फीसद बढ़ाया गया है जो उन लोगों को भी देना होगा जो 20 हजार लीटर से कम पानी का इस्तेमाल करते हैं।