चारा घोटाला: पीएम बदलवाया, सीबीआई डायरेक्टर हटवाया, तंत्र-मंत्र किया, पार्टी तोड़ी फिर भी नहीं बच सके लालू

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव ने चारा घोटाले से बचने के लिए बहुत पापड़ बेले लेकिन वो बच नहीं सके। फिलहाल वो इस घोटाले से जुड़े एक मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद रांची की जेल में बंद हैं। तीन जनवरी को उन्हें सजा सुनाई जाएगी। इस बीच उनके समर्थक और परिवार के सदस्य भी कहते रहे हैं कि लालू जी को उस काम के लिए प्रताड़ित और दंडित किया जा रहा है जो उन्होंने किया ही नहीं। बता दें कि 1990 के दशक में बिहार में 900 करोड़ रुपये का चारा घोटाला उजागर हुआ था। उस वक्त लालू यादव विपक्ष के नेता थे। बाद में लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री हुए। कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की रिपोर्ट में इस घोटाला के उजागर होने के बाद लालू ने इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। बाद में सीबीआई ने लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 25 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया।

1990 के दशक के अंतिम दौर खासकर 1995-97 के बीच लालू यादव भारतीय राजनीति में ‘किंग मेकर’ की भूमिका में आ गए थे। बिहार में भी वो गरीबों के मसीहा और सामाजिक न्याय के प्रतीक बनकर उभरे थे लेकिन चारा घोटाले का दाग उन्हें अंदर ही अंदर विचलित कर रहा था। लालू ने इससे बचने के लिए तंत्र-मंत्र से लेकर कई राजनीतिक तोड़-फोड़ किए मगर वो बच नहीं सके। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक संकर्षण ठाकुर ने अपनी किताब ‘द ब्रदर्स बिहारी’ में लिखा है कि एक तरफ लालू यादव और उनका परिवार पटना में गंगा नदी पार कर दियारा इलाके में काशी से आए एक नागा बाबा के साथ तंत्र-मंत्र कर रहा था और इधर सीबीआई उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही थी।

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