माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की भारत की पेशकश नेपाल ने ठुकराई

नेपाल के सर्वेक्षण विभाग ने 2015 के भूकंप के बाद दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई संयुक्त रूप से फिर से मापने की भारत की पेशकश खारिज कर दी है। नेपाल खुद ही यह काम करेगा। जरूरी आंकड़े हासिल करने के लिए नेपाल इस सिलसिले में भारत और चीन-दोनों ही देशों से मदद मांगेगा। हिमालय पर्वतमाला की इस सर्वोच्च पर्वत चोटी की ऊंचाई 8,848 मीटर है। भारत-चीन-भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम इलाके में चीन के साथ भारत के सैन्य गतिरोध के कारण यह काम रोक दिया गया था। जनसत्ता ने 14 अगस्त के अपने अंक में ‘डोकलाम विवाद में अटका माउंट एवरेस्ट को मापने का अभियान, नेपाल सरकार के सर्वे आॅफ इंडिया के काम से झाड़ा पल्ला’ शीर्षक से इस बारे में विस्तृत खबर छापी थी।

अब मापने की कवायद दोबारा शुरू हुई है, लेकिन नेपाल में बनी नई सरकार चीन से अपने रिश्तों को परखते हुए अकेले काम करने का मन बना रही है।
नेपाल के सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक गणेश भट्ट ने समाचार एजंसी पीटीआइ को बताया कि नेपाल इस काम को पूरा करने के लिए जरूरी आंकड़े हासिल करने के सिलसिले में भारत और चीन से मदद मांगेगा। दूसरी ओर, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय व भारत के महा सर्वेक्षक कार्यालय के अधिकारियों ने इंगित किया कि माउंट एवरेस्ट को संयुक्त रूप से फिर से मापने के भारत के प्रस्ताव को नेपाल के इनकार करने के पीछे चीन का हाथ हो सकता है क्योंकि यह चोटी चीन -नेपाल सीमा पर है।

भारत के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के एक बयान के मुताबिक 2015 में नेपाल में आए भीषण भूकम्प के बाद इस सर्वोच्च पर्वत चोटी की ऊंचाई को लेकर वैज्ञानिक समुदाय ने कई संदेह जाहिर किए। अप्रैल 2015 में 7.8 की तीव्रता से आए भूकम्प ने नेपाल में तबाही मचाई थी, जिसमें आठ हजार से अधिक लोग मारे गए थे। लाखों अन्य बेघर हो गए थे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाली 250 साल पुरानी संस्था ‘सर्वे आॅफ इंडिया’ ने माउंट एवरेस्ट को नेपाल के सर्वेक्षण विभाग के साथ ‘भारत-नेपाल संयुक्त वैज्ञानिक अभ्यास’ के रूप में फिर से मापने का प्रस्ताव किया था। भारत के महा सर्वेक्षक मेजर जनरल गिरिश कुमार ने बताया-उन्होंने हमारे प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया। अब वे कह रहे हैं कि वे भारत या चीन, दोनों में से किसी को भी शामिल नहीं कर रहे हैं। वे खुद ही माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापेंगे। कुमार ने कहा कि भारत के एक प्रतिनिधि काठमांडो में बुलाई गई एक बैठक में शरीक हुए थे, जहां चीन सहित विभिन्न देशों से सर्वेक्षक और वैज्ञानिक भी मौजूद थे।

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