IRCTC से तत्काल का रैकेट चलाता था सीबीआई अफसर, ऐसे करता था एक बार में हजार टिकट बुक
आप भी तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश करते होंगे, तो शायद ही कभी कनफर्म तत्काल टिकट बुक हो पाई हो। दरअसल, इसके पीछे एक रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। सीबीआई के साथ काम कर रहे सहायक प्रोग्रामर अजय गर्ग को तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ कर रेलवे टिकट बुक करने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस सॉफ्टवेयर का नाम नियो है। इस सॉफ्टवेयर से एक बार में 800 से 1,000 तत्काल टिकट बुक की जा सकती हैं। दिल्ली में सीबीआई ने अपने कर्मचारी 35 वर्षीय अजय गर्ग को पकड़ा जो अनिल कुमार गुप्ता नाम के शख्स की मदद से एक साल से इस रैकेट को चला रहा था।
गर्ग को पांच दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि गुप्ता को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले स्थित उसके घर से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापेमारी की। जहां से 89.42 लाख रुपये की नकदी, 61.29 लाख रुपये के सोने के गहने जिसमें एक किलो की दो सोने की छड़ें, 15 लैपटॉप, 15 हार्ड डिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड, 10 नोटबुक, छह राउटर, चार डोंगल और 19 पेन ड्राइव के साथ-साथ अभियुक्तों के परिसर और अन्य लोगों के परिसर से कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
सीबीआई अधिकारी ने कहा, “गर्ग पर आरोप है कि उसने आईआरसीटीसी द्वारा चलाए जा रहे तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर विकसित किया था। यह साजिश अनिल कुमार गुप्ता के साथ रची थी। उन्होंने सॉफ्टवेयर को निजी व्यक्तियों को एक भारी भरकम रकम में अनाधिकृत इस्तेमाल के लिए बेच दिया था।” अधिकारी ने कहा कि ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आईआरसीटीसी के नियमों और शर्तो के अनुसार व रेलवे अधिनियम के तहत अवैध है।
आधिकारी ने हालांकि स्पष्ट किया कि गिरोह के कारण आईआरसीटीसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन एक तरह से उन लोगों को नुकसान हुआ, जो ऑनलाइन टिकट बुक करते वक्त टिकट हासिल नहीं कर सके। अधिकारी ने बताया कि 10 एजेंटों की पहचान की गई है, जिनमें से सात जौनपुर और तीन मुंबई से हैं।
सीबीआई ने गर्ग और गुप्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश रचने, कंप्यूटर से जुड़े अपराधों और कंप्यूटर व कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाने, रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के अवैध कारोबार के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने बताया कि गर्ग 2012 से सीबीआई में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले, गर्ग ने आईआरसीटीसी के साथ 2007 से 2011 के बीच काम किया था, जहां उसे आईआरसीटीसी सॉफ्टवेयर में खामियां मिली थीं।