अब चीनी मीडिया ने बताया ‘मोदी लहर’ का असर, कहा- 2017 रहा ‘ब्रैंड मोदी’ के नाम
बात-बात पर भारत की तरफ आंखें तरेरने वाला ड्रैगन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के प्रति जो भी राय रखता हो, लेकिन वहां की सरकारी मीडिया पीएम का लोहा मान रही है। चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ की वेबसाइट पर प्रकाशिक एक लेख में पीएम मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े गए। ‘मोदी वेव वर्क्स मैजिक फॉर इंडियाज रूलिंग बीजेपी इन 2017’ शीर्षक से प्रकाशित लेख में कहा गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 3 साल पूरे कर लिए हैं। यह वर्ष अंतिम पड़ाव पर है, अगर हम देश की सियासी जंगों पर नजर डालें तो भारत की राजनीति में यह साल ‘ब्रैंड मोदी’ का रहा।
लेख में कहा गया कि मोदी लहर की शुरुआत 2014 के आम चुनावों में बीजेपी को मिली जबरदस्त जीत से हुई। इसके बाद पार्टी ने कई और राज्यों में जीत दर्ज की। इस वर्ष जितने भी राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, उनमें मोदी ही स्टार चेहरा और मास्टर स्ट्रोक रहे जो पिछले कुछ वर्षों में जनता के लोकप्रिय नेता बनकर उभरे। यही वजह है कि भगवा पार्टी ने 2014 के बाद 17 राज्यों में हुए चुनावों में से 9 में जीत दर्ज की। जिनमें हाल ही में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात की जीत शामिल रही हैं।
लेख में उत्तर प्रदेश विधानसभा से ठीक पहले पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले का भा जिक्र किया गया है। इसी के साथ टैक्स सुधार के लिए उठाए गए कदम जीएसटी के बारे में लिखा गया है। लेख में कहा गया है कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नोटबंदी और जीएसटी का जमकर विरोध जताया लेकिन मोदी मैजिक के आगे जनता पर उसका असर नहीं हुआ।
लेख में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते केंद्र की राजनीति में बड़ी अहमियत रखता है। यहां लोकसभा की 80 सीटें। राज्य में क्षेत्रीय दलों जैसे कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का जातिगत समीकरणों के कारण बोलबाला रहा है। बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के वक्त सीएम उम्मीदवार का एलान भी नहीं किया था, बावजूद इसके बीजेपी ने 312 सीटों पर परचम लहराकर भारी अंतर से क्षेत्रीय दलों के मुंह से जीत छीन ली थी। इसका श्रेय भी मोदी को जाता है, क्यों कि वही सूबे में चुनाव के वक्त स्टार चेहरे के तौर पर आगे रहे।
लेख में उत्तर पूर्व में मिली बीजेपी को कामयाबी का भी जिक्र है, जहां अर्से से कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का दबदबा रहा है। लेख में गुजरात चुनावों के बारे में बताते हुए कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी का भी जिक्र किया गया है। लेख में कहा गया है कि राहुल गांधी ने जब कांग्रेस की कमान अपने हाथ में ली, तब गुजरात में मोदी लहर खत्म होती सी दिख रही थी। पार्टी में गुटबाजी होने के कारण बीजेपी की जीत इस बार मुश्किल लग रही थी। यह केवल मोदी का ही करिश्मा रहा कि गुजरात समेत हिमाचल में बीजेपी ने जीत हासिल की।
लेख में कहा गया है कि राहुल गांधी के कांग्रेस की कमान संभालते ही बीजेपी के हाथ से दिल्ली और पंजाब निकल गए। जिस तरह राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही है, उसे देखते हुए बीजेपी को ‘रियल्टी चेक’ कर लेना चाहिए, क्यों कि 2019 का चुनाव ‘अकेले घोड़े की दौड़’ का नहीं रहने वाला है।