अब अजमेर शरीफ पर भड़काऊ बयान, वीडियो वायरल के बाद तनाव, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात

दक्षिणपंथी तत्वों द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों और एक भड़काऊ वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन ने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा कि दरगाह के प्रबंधन के सदस्यों ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “हमारी फोर्स पहले से वहां है और हम किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए कुछ-कुछ अंतराल पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। हमने अपनी टीम के सदस्यों को हालात के हिसाब से कार्रवाई करने का निर्देश दिया हुआ है। मौके पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं।”

दरगाह के प्रबंधन से जुड़े समीर चिश्ती ने आईएएनएस से कहा, “हम कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों की कड़ी निंदा करते हैं, जो देश में शांति और सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं।” चिश्ती ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की जांच करने की जरूरत है। जांच के नतीजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सूफी हैं और हमारा लक्ष्य लोगों के बीच प्रेम, शांति और भाइचारे को बढ़ावा देना है।

आरोप है कि शिव सेना हिंदुस्तान नाम के एक हिन्दू संगठन ने अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को मंदिर बताया है। संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दरगाह को गिराकर मंदिर बनाया जाना चाहिए। इसके बाद दरगाह के सेवक और वहां के दुकानदारों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया और शिवसेना हिंदुस्तान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पिछले 800 सालों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है।

चिश्ती ने कहा कि दरगाह और इसके आसपास तनाव बढ़ने की वजह से हमने अतिरिक्त पुलिस सुरक्षा का अनुरोध किया है। इस बीच, एक स्थानीय दक्षिणपंथी समूह शिवसेना हिन्दुस्तान के सदस्यों ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें वायरल हुए वीडियो के लिए जिम्मेदार ठहराने की कहानी एक कपटपूर्ण योजना है। समूह ने राष्ट्रपति को और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर मामले को जल्द से जल्द देखने का अनुरोध किया है। समूह के एक सदस्य रवि प्रकाश ने कहा कि प्रशासन ने अभी तक उदयपुर में विशाल प्रदर्शन करने और हिंदू विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन ‘एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो उदयपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहता था।’ शिवसेना हिन्दुस्तान ने वीडियो और यह कैसे वायरल हुआ, इसकी जांच कराने की मांग की है।

एसएचओ संजय बोथारा ने कहा कि वायरल हुए वीडियो को उन्होंने इंटरनेट पर पाया जिसमें शिवसेना हिन्दुस्तान का सदस्य लखन सिंह मुख्य रूप से लोगों को धार्मिक आधार पर भड़का रहा है। उन्होंने कहा कि उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया है और यही वीडियो उसके मोबाइल में मिला है। इस वीडियो को आगे की जांच के लिए भेजा गया है। यह पूछने पर कि जांच रिपोर्ट कब तक आ जाएगी, पुलिस अफसर ने कहा कि ‘इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।’

 

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