बिल्डर के कार्यालय पर छापामारी, 25 करोड़ के पुराने नोट जब्त

मेरठ पुलिस ने शुक्रवार को एक बिल्डर के कार्यालय पर छापा मारकर 25 करोड़ के 1000 व 500 की प्रतिबंधित करंसी बरामद की। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक व्यक्ति दिल्ली स्थित प्रवीन माहेश्वरी कंपनी में काम करता है जो पुराने नोट बदलने के धंधे में लगी है। हालांकि मुख्य आरोपी बिल्डर संजीव मित्तल पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। मेरठ पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली के एक व्यक्ति के जरिए कमीशन पर पुराने नोट बदलने का सौदा तय हुआ है। एसएसपी मंजिल सैनी ने इस सटीक सूचना के बाद थाना कंकरखेड़ा प्रभारी दीपक शर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। दीपक शर्मा के मुताबिक वह पिछले तीन दिन से सर्विलांस के जरिए पुख्ता सबूत जुटा रहे थे। शुक्रवार मिली एक सूचना के बाद पुलिस ने दिल्ली रोड स्थित राजकमल एनक्लेव में बिल्डर संजीव मित्तल के कार्यालय पर छापा मारा। पुलिस ने बिल्डर के कार्यालय से चार लोगों को हिरासत में लिया।

बिल्डर के कार्यालय के अंदर जब तलाशी ली गई, तो वहां प्लास्टिक के 10 कट्टों में करीब 25 करोड़ रुपए की पुरानी करंसी रखी हुई थी। दीपक शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम अशोक शर्मा, नरेश अग्रवाल, योगेंद्र व अरुण शुक्ला हैं। इनमें नरेश अग्रवाल दिल्ली स्थित प्रवीन माहेश्वरी कंपनी में काम करता है जो पुरानी करंसी बदलने का धंधा करती है। पुलिस का दावा है कि नोटबंदी के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश में पुरानी करंसी बरामद करने का यह सबसे बड़ा मामला है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली का जो दलाल गिरफ्तार किया गया है वह किसी बड़े रैकेट से जुड़ा हुआ है जो पुरानी करंसी विदेशियों को देता है। इसके एवज में मोटी रकम वसूल की जाती है। बिल्डर के कार्यालय में छापामारी के दौरान एसएसपी भी वहां मौजूद थीं। पुलिस अन्य पहलुओं पर भी गहनता से जांच कर रही है। साथ ही बरामद की गई पुरानी करंसी की गिनती भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि फरार हुए बिल्डर संजीव मित्तल की करीब 16 कंपनियां हैं।

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