तिरुपति में गैर हिंदुओं को नौकरी मिलने पर बवाल, कुछ पर दूसरे धर्म के प्रचार-प्रसार करने का

आंध्र प्रदेश में तिरुमाला स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर 40 कर्मचारियों के खिलाफ अपनी तरह की पहली कार्रवाई करने जा रहा है। मंदिर की प्रबंधन समिति तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम (टीटीडी) कर्मचारियों को नोटिस देने की तैयारी कर रही है। ये कर्मचारी गैर हिंदू बताए जा रहे हैं और उन पर मंदिर के आसपास दूसरे धर्म के प्रचार-प्रसार करने का आरोप है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मामले की जांच कर रही समिति ने बताया कि मंदिर में केवल हिंदू धर्म के कर्मचारी ही रखे जा सकते हैं, लेकिन मंदिर के प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रख 40 गैर हिंदू लोगों को नौकरी पर रखा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि आरोपियों के खिलाफ क्या फैसला लिया जाएगा, लेकिन अटकलें यह भी लग रही हैं कि मंदिर उन्हें सस्पेंड भी कर सकता है।

तिरुपति मंदिर के प्रबंधन से कई लोगों ने इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ लिया जब मदिर की ही एक महिला कर्मचारी का स्थानीय चर्च में प्रार्थना करने का वीडियो वायरल हो गया। इस महिला की पहचान तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम के डिप्टी एक्जिक्यूटिव अधिकारी स्नेह लता के रूप में हुई। स्नेह लता पर आरोप है कि वह हर रविवार को मंदिर की कार से चर्च जाती हैं। इस मामले में आंतरिक जांच बैठाई गई है।

मंदिर में गैर-हिंदू लोगों को रोजगार देने पर ब्राह्मणों के समुदायों में घोर आक्रोश देखा जा रहा है। हाल ही में विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर के संरक्षकों से अपील की थी कि वे गैर-हिंदू कर्मचारियों की पहचान करें और उन्हें नौकरी से निकालें।

तिरुमाला में पहले भी दूसरे धर्मों के प्रचार को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं, जिन्हें लेकर मंदिर की समिति का कड़ा रुख रहा है। 2007 में आंध्र प्रदेश सरकार ने साफ किया था कि वेक्टेश्वर भगवान की धरती तिरुमाला हिंदू श्रद्धालुओं की रहेगी और दूसरे धर्मों का प्रचार निषेध रहेगा। हाल ही में राज्य के निधि विभाग ने भी नए साल के मौके पर मंदिरों में जश्न मनाने पर बैन लगाया है। विभाग की तरफ से सर्कुलर जारी कर कहा गया है कि नए साल का जश्न हिंदुओं की वैदिक संस्कृति के खिलाफ है।

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