नरेंद्र मोदी के इस नए मंत्री पर दो बड़े केस, 6 महीने तक जिले से निकलना था बैन, लगी हैं आधा दर्जन धाराएं
कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ लोक सभा सीट से पांच बार से सांसद अनंतकुमार हेगड़े को नरेंद्र मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री बनाया गया। 48 वर्षीय अनंत को इस साल की शुरुआत में दिल्ली जाने पर छह महीने के लिए रोक लगा दी गयी थी। हेगड़े अपने गृह जनपद सिरसी में दो जनवरी को एक निजी अस्पताल में डॉक्टर पर हमला करने के आरोपी थे। हेगड़े अब भी इस मामले में मुख्य अभियुक्त हैं। पुलिस मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है। स्थानीय अदालत में 21 अक्टूबर को इस मामले की सुनवायी होनी है। पुलिस के अनुसार हेगड़े ने डॉक्टर मधुकेश्वर, डॉक्टर भालचंद्र भट और डॉक्टर राहुल माशेलकर की दो जनवरी की रात को पिटायी की। हेगड़े कथित तौर पर अपनी माँ का इलाज नहीं करने से नाराज थे। हेगड़े की माँ टीएसएस अस्पताल में शाम को पैर टूटने की वजह से शाम को भर्ती हुई थीं। अस्पताल के अनुसार हेगड़े की माँ का प्राथमिक उपचार और दर्द निवारण किया गया था। जब अस्पताल ने सर्जरी की सलाह दी तो हेगड़े के भाई ने कहा कि वो अपनी माँ को दूसरे अस्पताल में ले जाएंगे। घटना के बाद अस्पताल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया लेकिन पुलिस ने स्वतःसंज्ञान लेते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पांच जनवरी को मामला दर्ज किया था। घटना की सीसीसीटीवी फुटेज कई टीवी चैनलों पर प्रसारित हुआ था।
19 जनवरी को स्थानीय अदालत ने हेगड़े को जमानत दी थी और मामला निपटने तक जिला छोड़कर जाने से मना किया था। जुलाई में हेगड़े ने अदालत से संसद के मॉनसून सत्र (17 जुलाई से 11 अगस्त तक) में शामिल होने की इजाजत मांगी। चूँकि पुलिस छह महीने में भी आरोपपत्र दायर करने में विफल रही थी इसलिए अदालत ने हेगड़े को दिल्ली जाने की इजाजत दे दी। हेगड़े के खिलाफ ये कोई अकेला मामला नहीं है। वो नफरत फैलाने वाले भाषण देने के भी आरोपी हैं। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए के तहत 28 फरवरी 2016 को सिरसी में इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण देने का आरोप है। 19 अक्टूबर को इस मामले में अदालत आरोप तय करेगी। दोनों मामलों को मिलाकर उन पर करीब आधा दर्जन धाराओं में शिकायत दर्ज है।
कर्नाटक के भटकल के मुस्लिम युवाओं के आतंकवाद के मामलों में अभियुक्त बनाए जाने से जुड़े सवाल पर हेगड़े ने कथित तौर पर कहा था, “जब तक दुनिया में इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा। जब तक हम इस्लाम को नहीं खत्म कर देते तब तक आतंकवाद नहीं खत्म होगा।” स्थानीय पुलिस ने कांग्रेसी नेता लुकमान बंटवाल की शिकायत पर हेगड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया था। हेगड़े को 24 मार्च 2016 को अग्रिम जमानत मिल गयी थी। हेगड़े के अनुसार उनके खिलाफ बदले के मंशा से झूठा मामला दर्ज कराया गया है। हेगड़े के निजी सहायक सुरेश कुमार ने कहा, “दो मामले लंबित हैं। सुनवाई नहीं शुरू हुई है। दोनों मामले हाल-फिलहाल के हैं।”
हेगड़े पहली बार महज 25 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की निगाह में आ गए थे। 15 अगस्त 1994 को उन्होंने प्रवेश निषेध की आज्ञा का उल्लंघन करते हुए हुबली के ईदगाह मैदान में दो अन्य लोगों के साथ घुसकर तिरंगा फहराया था। दंगे और पुलिस की गोलीबार से कम से कम आठ लोग मारे गए थे। 1996 में हेगड़े को उत्तरी कन्नड़ से लोक सभा टिकट मिल गया। उन्होंने कांग्रेस की मार्ग्रेट अल्वा को हराकर चुनाव जीत लिया। उसके बाद से वो लगातार इस सीट से लोक सभा चुनाव जीतते रहे हैं।उत्तरी कन्नड़ सीट के कुल 14 लाख मतादाताओं में करीब 1.70 लाख मुसलमान हैं। हेगड़े पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके चुनाव जीतने का आरोप लगता रहा है।