राहुल गांधी ने पहली बार ‘मोदी भक्‍तों’ को ललकारा, कहा- वीडियो देखो और पीएम को बोलो काम पर ध्‍यान दें

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी भक्तों की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने पहली बार मोदी भक्तों को ललकारा है। राहुल का कहना है कि आपके आका केवल खाली नारे देते हैं जबिक चीन हमें प्रतिस्पर्धा दे रहा है। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो का लिंक डालते हुए लिखा “प्रिय मोदी भक्तों, स्मार्ट सिटी के 9,860 करोड़ में से केवल 7 प्रतिशतों का ही इस्तेमाल हो रहा है। चीन हमें प्रतिस्पर्धा दे रहा है जबकि आपके मास्टर हमें खाले नारे दे रहे हैं। कृपया करके इस वीडियो को देखें और उन्हें सलाह दें कि जो महत्वपूर्ण (भारत में रोजगार निर्माण) है उसपर ध्यान दें।”

इसके साथ ही राहुल ने बीजेपी के खाली वादे के साथ हैशटैग भी लिखा। राहुल ने जो वीडियो लिंक अपने ट्वीट में जोड़ा है उसमें चीन के सिलिकॉन वैली को दिखाया गया है। यह वैली किसी भी व्यक्ति  के लिए केवल नया व्यापार खोलने के लिए मददगार है बल्कि यहां छोटी टेक्नोलॉजी का निर्माण भी बहुत ऊंचे पैमाने पर किया जाता है। यह पहली बार नहीं है जब राहुल ने भारत में बेरोजगारों के लिए नौकरी का वादा करने वाले पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इससे पहले भी राहुल कई बार पीएम मोदी पर बेरोजगारी को लेकर निशाना साध चुके हैं।

Office of RG

@OfficeOfRG

Dear Modi bhakts, Out of 9,860 crores for the Smart Cities only 7% has been used. China is out competing us while your master gives us empty slogans. Please watch this video and advise him to focus on what matters- job creation for India.#BJPEmptyPromiseshttps://www.youtube.com/watch?v=SGJ5cZnoodY&app=desktop 

राहुल ने अपने एक बयान में कहा था, ‘दुनिया में बेरोजगारी से लोग परेशान हैं और इसीलिए नरेंद्र मोदी को लोगों ने चुना।’ हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में इस समस्या के लिए पर्याप्त मात्रा में काम नहीं कर रहे हैं। इसस पहले राहुल गांधी ने कहा था कि पूरे हिन्दुस्तान में युवा भटक रहा है और नौकरी ढूंढ रहा है लेकिन मोदी जी झूठे वादे कर रहे हैं। राहुल गांधी ने भारत में रोजगार की बढ़ती मांग पर गुजरात विधानसभा चुनाव में एक रैली को संबोधित करते हुए  सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि अगर नौकरी देने की औसत ये ही रहा तो 5 से 10 सालों में युवाओं में गुस्सा इतना बढ़ जाएगा जिसे संभालना मुश्किल होगा।

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