करणी सेना का आरोप- अंडरवर्ल्ड के दवाब में सेंसर ने पास की संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’

पिछले काफी दिनों से संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद जारी है। दो बार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड इसे वापस लौटा चुका है। अब आखिरकर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म निर्माताओं से इसका नाम बदलकर पद्मावत करने के लिए कहा है। बोर्ड के इस फैसले पर राजपूत करणी सेना ने विरोध जताया है। करणी सेना ने आरोप लगाया है कि अंडरवर्ल्ड के दबाव में फिल्म को सेंसर ने मंजूरी दी है। करणी सेना ने सिनेमा हॉल को तोड़ने की भी धमकी दी है।

करणी सेना के सुखदेव सिंह गोगामेदी ने एक बयान में कहा- जिस किसी हॉल में पद्मावती दिखाई जाएगी, उसे तहस-नहस कर दिया जाएगा। फिल्म को रिव्यू करने के लिए बनी समिति ने इसका विरोध किया था लेकिन सेंसर बोर्ड ने अंडरवर्ल्ड के दबाव में इसे मंजूरी दे दी है। वहीं राजपूत सभा के अध्यक्ष गिर्राज सिंह लोटवाडा ने कहा कि सेंसर बोर्ड कमेटी की सिफारिश को तवज्जो नहीं देकर फिल्म निर्माताओं की मदद करना चाहता है। यह देश का दुर्भाग्य है। हम लोकतांत्रिक तरीके से विवादित फिल्म पद्मावती का विरोध जारी रखेंगे।

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फिल्मं को लेकर सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ने समाचार एजेंसी आईएनएनएस के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा था- सीबीएफसी ने फिल्म में किसी भी कट की सिफारिश नहीं की है, केवल पांच संशोधन करने को कहा है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्माताओं से डिस्क्लेमर को बदलने को कहा है, ‘स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा है कि यह फिल्म ऐतिहासिक रूप से सही होने का दावा नहीं करती। सीबीएफसी ने इसके अलावा निर्माताओं से ‘घूमर’ गाने में चरित्र के मुताबिक बदलाव करने की सिफारिश की है।

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