Happy Teachers Day: नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे पर ऐसे किया विश, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भी किया याद
देश में शिक्षक दिवस के मौके पर सभी लोग अपने गुरुओं को अलग-अलग तरीके से शुभकामनाएं दे रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के सभी शिक्षकों को टीचर्स डे की शुभकामनाएं दी है। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए टीचर्स को शुभकामनाएं देते हुए एक के बाद एक ट्वीट किए। पीएम ने ट्वीट में लिखा “इस टीचर्स डे पर मैं शिक्षण समुदाय को सलाम करता हूं, जो कि मन को पोषित करने और शिक्षा की खुशियों को समाज में फैलाने के लिए समर्पित है। मैं डॉक्टर सर्वेपल्ली राधाकृष्णनन को उनके जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि देता हूं, जो कि एक बेहतरीन शिक्षक और एक बहुत ही अच्छे राजनेता थे। ‘नए भारत’ के हमारे सपने को साकार करने में शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जो कि अनुसंधान और नवीनता संचालित करते हैं।”
रविवार को मन की बात में भी पीएम मोदी ने शिक्षकों का समाजिक निर्माण में एक अहम रोल बताया था और डॉ. राधाकृषणनन की जमकर तारीफ की थी। पीएम ने कहा था कि राधाकृष्णनन राष्ट्रपति थे लेकिन वे हमेशा एक शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। वे शिक्षा के प्रति समर्पित थे। मोदी ने कहा कि एक महान वैज्ञीनिक एलबर्ट आइंस्टाइन ने एक बार कहा था कि अपने छात्रों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनंद जगाना ही एक शिक्षक का महत्वपूर्ण गुण है। इसके बाद मोदी ने कहा कि इस वर्ष जब हम शिक्षक दिवस मनाए तो क्या हम एक संकल्प कर सकते हैं कि पांच साल के लिए सभी को इस संकल्प से बांधिए “लीड करने के लिए सीखें, सश्कत होने के लिए पढ़े और परिवर्तन के लिए पढ़ाएं”। छात्रों को उसे सिद्ध करने का रास्ता दिखाइये और वह पांच सालों में कुछ पा सकते हैं, जीवन में सफल होने का आनंद पाए ऐसा माहौल शिक्षण संस्थान, हमारे शिक्षकों को उन्हें देना चाहिए और वे कर सकते हैं।
इसके बाद पीएम ने कहा जब हम परिवर्तन की बात करते हैं तो परिवार में मां की याद आती है, वैसे ही समाज में शिक्षक की याद आती है। परिवर्तन में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। हर शिक्षक के जीवन में कहीं न कहीं कुछ घटनाएं हैं जिनके सहज प्रयासों से किसी की जिंदगी के परिवर्तन में सफलता मिली होगी। अगर हम सामूहिक प्रयास करेंगे तो देश के परिवर्तन में हम बहुत अहम भूमिका अदा करेंगे। आइये परिवर्तन के लिए पढ़ाएं इस मंत्र को लेकर आगे चल चढ़ पड़ें।