चीन ने पानी के नीचे निगरानी के लिए बिछाया अपना जाल

चीन ने हिंद महासागर में पानी के नीचे अपनी निगरानी का जाल बिछाया है, जिससे उसकी नौसेना को सही ढंग से जहाज का पता लगाने में मदद मिलेगी। इस तरह चीन हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में अग्रणी की भूमिका में अपनी पकड़ बानए रख पाएगा। जानकारों का मानना है कि विवादित दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में चीन को प्रौद्योगिकी से ‘गुप्त सूचना’ ग्रहण करने में मदद मिलेगी। हिंद महासागर व दक्षिण चीन सागर में इस समय भारत का ‘दबदबा’ है। हांगकांग के दक्षिण सागर मार्निग पोस्ट के मुताबिक, इस तंत्र से पानी के भीतर की सूचना एकत्र की जाती है, जिसमें खासतौर से पानी का तापमान और लवणता संबंधी सूचना जिसका उपयोग करके नौसेना को जहाज के बारे में सही जानाकारी मिल सकती है। इस तरह नौवहन में सहायता मिलती है।

चीन दुनिया के सागरों में अपना दबदबा बना रहा है और दुनिया के व्यस्ततम जलमार्ग का दावा ठोकते हुए विदेशों में नौसेना का अड्डा बना रहा है। हालांकि चीन की नौसेना अमेरिकी नौसेना के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता, लेकिन दुनिया के जलमार्गो पर इसके बढ़ते वर्चस्व से वाशिंगटन, टोकियो, कैनबरा और नई दिल्ली की चिंता बढ़ गई है। यह परियोजना चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) के तहत साउथ चाइना सी इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोलोजी की अगुवाई में चल रही है, जो दुनिया के महासागरों में अमेरिका को चुनौती देने की दिशा में बीजिंग के इरादे से प्रेरित अभूतर्व सैन्य प्रसाा का हिस्सा है।

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