आतंकवाद रोके पाक, तभी होगी क्रिकेट शृंखला

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान जब तक अपनी जमीन से आतंकवाद को प्रश्रय देना नहीं रोका और सीमा पर गोलीबारी बंद नहीं कर देता, तब तक द्विपक्षीय क्रिकेट मैच शृंखला नहीं कराई जाएगी। विदेश मंत्रालय से संबंधित संसद की सलाहकार समिति की बैठक में सुषमा स्वराज ने पहली बार क्रिकेट शृंखला को लेकर भारत सरकार के रुख का खुलासा किया। इस बैठक का एजंडा था- ‘पड़ोसियों के साथ संबंध’। बैठक में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर व विदेश सचिव एस जयशंकर भी मौजूद थे। बैठक में सुषमा ने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त से उनकी मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठा था। पाकिस्तान की ओर से किसी तटस्थ जगह (न्यूट्रल वेन्यू, भारत व पाकिस्तान से अन्य किसी देश में) शृंखला आयोजित करने का प्रस्ताव आया। लेकिन अभी सीमा पर जो माहौल है, उसे देखते हुए इसकी इजाजत भी नहीं दी जा सकती।

सुषमा स्वराज ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को पोषित करना, संघर्षविराम का उल्लंघन कर गोलियां बरसाना बंद नहीं कर देता, ऐसा नहीं किया जाएगा। इस बैठक में सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद और क्रिकेट साथ साथ नहीं चल सकते हैंं। दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड लगातार क्रिकेट खेलने के लिए भी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) की बैठकों में भी भारत पर दबाव बनाता रहा है। सुषमा स्वराज ने कहा कि इंसानियत के आधार पर हम महिलाओं और बुजुर्ग कैदियों को छोड़ने पर सुझाव दे सकते हैं, लेकिन मौजूदा समय में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट शुरू करना मुश्किल है। बताते चलें कि भारत और पाकिस्तान के बीच दिसंबर, 2012 में आखिरी बार द्विपक्षीय शृंखला खेली गई थी। तब पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था। दोनों देशों ने तीन एक दिवसीय और दो टी-20 मैचों की सीरीज खेली थी। राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर खराब संबंधों की वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल (बीसीसीआइ) ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) से गुजारिश कर चुका है कि वह टूर्नामेंट के दौरान दोनों देशों को एक ग्रुप में न रखे।

बैठक में सदस्यों ने मंत्रालय से हाल में मालदीव-चीन के बीच मुक्त व्यापार संधि पर दस्तखत और दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों और इसकी वजह से भारत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सवाल पूछे। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध नजदीकी व सौहार्दपूर्ण हैं। उसने दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग के बारे में भी चर्चा की।

 

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