बीजेपी को नई ताकत देगा नया साल, राज्यसभा में बनेगी सबसे बड़ी पार्टी, समझें पूरा गणित

प्रदीप कौशल

बीजेपी के लिए साल 2017 बहुत अच्छा रहा और आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नया साल यानी 2018 भी भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छा ही होगा। यह साल पार्टी को नई ताकत देता दिखाई दे रहा है। राज्यसभा में इस साल बड़े बदलाव देखे जाएंगे। बीजेपी इस साल 245 सीटों वाली राज्यसभा में कब्जा बढ़ाते हुए 67 सीटों की संख्या तक पहुंचेगी, इसके साथ ही राज्यसभा में वह सबसे बड़ी पार्टी भी बन जाएगी। वहीं बीजेपी के नेतृत्‍व वाले एनडीए के पास इस साल 98 सीटें हो जाएंगी। विपक्ष की अगर बात की जाए तो कांग्रेस इस वक्त राज्यसभा में बीजेपी की बराबरी पर है। दोनों पार्टी के पास 57 सीटें हैं। बीजेपी जहां सीटों की संख्या बढ़ाते हुए 67 तक पहुंचते दिखाई दे रही है तो वहीं कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है। इस साल जुलाई तक कांग्रेस 47 सीटों पर सिमटते हुए दिख रही है।

बीजेपी को इस साल राज्यसभा में बढ़त उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और उत्तराखंड की वजह से मिलेगी। इन राज्यों पर बीजेपी ने हाल ही में कब्जा किया है। वहीं पिछले तीन सालों से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में राज्यसभा में भी उसकी पकड़ कमजोर होती दिख रही है। बीजेपी के सहयोगी दलों की बात की जाए तो टीडीपी इस साल अपनी स्थिति बरकरार रखेगी। वहीं जेडीयू के पास एक सीट कम होती दिख रही है, यानी उसके पास 6 सीटें हो जाएंगी। वर्तमान में आरजेडी के पास राज्यसभा में तीन सीटें हैं, जो कि इस साल बढ़कर पांच हो सकती हैं। वहीं टीआरएस की सीटों में भी इजाफा होता दिख रहा है। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी को राज्यसभा में बड़ा नुकसान यानी 5 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।

आपको बता दें कि यह सारे आंकड़े 2018 में राज्यसभा के लिए कई राज्यों में होने वाले उप-चुनाव और द्विवार्षिक चुनावों के अनुमानित परिणामों पर आधारित हैं। इस साल मनोनीत श्रेणी में चार रिक्तियां होंगी। तीन रिक्तियां अप्रैल में और एक जुलाई में होगी। 12 मनोनीत सदस्यों में से 7 की सदस्यता पर मोदी सरकार का अधिकार है तो वहीं सुब्रमण्यन स्वामी को मिलाकर 4 सदस्य बीजेपी के ही मेंबर हैं। 16 जनवरी को कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा की तीन सीटें जा रही हैं। इस दिन राज्यसभा में दिल्ली क्षेत्र की तीन सीटें खाली हो रही हैं। पार्टी के तीन सदस्यों- डॉ. कर्ण सिंह, श्री जर्नादन द्विवेदी, श्री परवेज हाशमी का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और आम आदमी पार्टी राज्यसभा में डेब्यू करेगी। सिक्किम क्षेत्र की एकमात्र सीट पर अभी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिशे लाचुंग्पा का कब्जा है, उनका कार्यकाल भी इस महीने समाप्त हो जाएगा, लेकिन एसडीएफ एनडीए का ही सहयोगी दल है तो ऐसे में सीट पर कब्जा बरकरार रह सकता है।

गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे से खाली हुई उत्तर प्रदेश क्षेत्र की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव किए जाएंगे। बीजेपी का इस वक्त यूपी में दबदबा है, राज्य की सत्ता भी बीजेपी के हाथों में ही है, ऐसे में इस सीट को एक बार फिर बीजेपी जीतेगी। इस जीत के साथ ही इस महीने राज्यसभा में बीजेपी के पास 58 सीटें हो जाएंगी और कांग्रेस के पास 54 सीटें ही बचेंगी। ऐसा होने पर बीजेपी राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी।

उत्तर प्रदेश के अलावा दो अन्य राज्यों में भी राज्यसभा के लिए उपचुनाव होंगे। पहला- बिहार में जेडीयू के विभाजन के बाद शरद यादव की सदस्यता रद्द हो गई थी, जिसके कारण बिहार क्षेत्र की एक राज्यसभा सीट खाली है। दूसरा- केरल में विचारधारा में मतभेदों को देखते हुए वीरेंद्र कुमार के जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था, इस सीट पर भी उपचुनाव होंगे। इसके अलावा राज्यसभा में चार अन्य रिक्तियां भी हैं, ये सीटें यूपी में मायावती के इस्तीफा देने के कारण, तेलंगाना में कांग्रेस सदस्य पलवई गोवर्धन रेड्डी के निधन के कारण, बिहार जेडीयू के सदस्य अली अनवर अंसारी को अयोग्य करार दिए जाने के कारण और पश्चिम बंगाल में मुकुल रॉय के टीएमसी से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थीं। सबसे बड़ा मंथन तो अप्रैल महीने में देखने को मिलेगा। देश भर के 16 राज्यों की 59 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे। यहां उत्तर प्रदेश सबसे अहम होगा। इन 59 सीटों में से 10 उत्तर प्रदेश क्षेत्र में आती हैं। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा में 18 सदस्य हैं। इस साल होने वाले चुनावों में पार्टी को पांच सीटों का नुकसान होगा। इसका मतलब यह होगा कि राज्यसभा में सपा 13 पर सिमट जाएगी।

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