लालू की करीबी इस चीफ सेक्रेटरी को मिलना था सेवा विस्तार, पर भाजपाई मुख्यमंत्री ने थमा दिया कारण बताओ नोटिस

झारखंड के भाजपाई मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्य की चीफ सेक्रेटरी राजबाला वर्मा को कारण बताओ नोटिस भेजने का फरमान जारी किया है। मुख्यमंत्री ने साल 2017 के आखिरी दिन रविवार (31 दिसंबर) की रात में कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे को आदेश दिया कि वो अविलंब मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगे कि साल 1990-91 के दौरान जब वो पश्चिमी सिंहभूम की उपायुक्त थीं तब उन्होंने चारा घोटाले में लापरवाही क्यों बरती थी और उस मामले में क्यों नहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय?

कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने ‘द टेलीग्राफ’ को बताया है कि सोमवार (01 जनवरी) को मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें इस बाबत आदेश प्राप्त हो गया है और बहुत जल्द ही मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को शो काउज नोटिस भेजा जाएगा। वर्मा अगले महीने सेवानिवृत हो रही हैं।

दरअसल, राजबाला वर्मा को सेवा विस्तार दिए जाने की चर्चा थी। इसी पर सीएम रघुबर दास ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से चर्चा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी मगर रघुबर सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री सरयू राय ने राजबाला वर्मा को सेवा विस्तार देने पर न केवल आपत्ति जताई बल्कि यह बात भी बताई कि उन्होंने 1990-91 के दौरान पश्चिमी सिंहभूम की उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को बचाने की कोशिश की थी और इस क्रम में कार्रवाई करने में उदासीनता दिखाई थी।

बता दें कि संयुक्त बिहार में राजबाला वर्मा मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद की काफी करीबी और पसंदीदा अधिकारी रही हैं। वह 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनकी काबिलियत को देखते हुए लालू यादव ने उन्हें पटना का भी जिलाधिकारी बनाया था। साल 2000 में राज्य के बंटवारे के बाद राजबाला वर्मा झारखंड कैडर में चली गईं। यहां यह बात गौरतलब है कि चाईबासा कोषागार से कथित तौर पर 37.7 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में अक्तूबर 2013 में रांची की सीबीआई अदालत लालू यादव को पांच साल की सजा सुना चुकी है। फिलहाल देवधर ट्रेजरी से करीब 85 लाख की अवैध निकासी के दोषी लालू रांची की जेल में बंद हैं। तीन जनवरी को उन्हें सजा सुनाई जाएगी।

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