भारतीय क्षेत्र में 200 मीटर तक घुसे चीनी सुरक्षाबल सैनिक, भारतीय जवानों ने खदेड़ा तो सामान यहीं छोड़ भाग गए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह मे चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने का एक और मामला सामने आया है। ये मामला अरुणाचल प्रदेश से लगते सीमाई इलाके का है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सुरक्षाबल सड़क निर्माण सामग्री के साथ अरुणाचल प्रदेश से लगते सीमाई इलाके में तकरीबन 200 मीटर तक भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे। भारतीय जवानों द्वारा खदेड़े जाने के बाद वे सामान छोड़कर भाग गए। चीनी जवान सीमा से लगते एक गांव के पास तक पहुंच गए थे। डोकलाम में टकराव की स्थिति के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच पैदा तनाव अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ कि चीन की ओर से एक और उकसाने वाली हरकत सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी जवानों द्वारा घुसपैठ करने की यह घटना पिछले साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह की है। इसी दौरान दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो रही थी। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेईची इसमें हिस्सा ले रहे थे। चीन की ओर से ताजा घुसपैठ की घटना अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी शियांग जिले में सामने आई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चीनी जवान बिसिंग गांव (टूटिंग क्षेत्र) के समीप शियांग नदी के पूर्वी किनारे तक आ गए थे। वहां तैनात भारतीय जवानों ने उन्हें रोकते हुए उनका सामान जब्त कर लिया था। ऊपरी शियांग जिले के उपायुक्त डुली कामडुक ने चीनी घुसपैठ की घटना से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि टूटिंग में मौजूद अधिकारियों ने चीनी जवानों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की जानकारी नहीं दी है। साथ ही सशस्त्र बलों की ओर से भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
भारत और चीन के जवान पिछले साल सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में आमने-सामने आ गए थे। 73 दिनों की तनातनी के बाद 28 अगस्त को दोनों देश याथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हुए थे। इसके चार महीने बाद अरुणाचल में चीन द्वारा घुसपैठ करने का मामला सामने आया है। चीन ने पिछले कुछ वर्षों में भारत से लगते सीमाई क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम काफी तेज कर दिया है। कई इलाकों में तो दो लेन की सड़क बनाई भी जा चुकी है। चीन के मंसूबों को भांपते हुए भारत ने भी अरुणाचल प्रदेश में सीमा के समीप अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। भारत ने भी कई क्षेत्रों में सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया है।