मध्य प्रदेश: भीमा-कोरेगांव हिंसा के विरोध में बुरहानपुर में एकत्रित भीड़ हुई हिंसक, 11 बसों में तोड़फोड़
महाराष्ट्र के कुछ शहरों में पिछले तीन दिनों से चल रही जातीय हिंसा की आग गुरुवार को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर कस्बे में भी फैल गई। भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रम के बाद हुई हिंसा के विरोध में दलित समूहों द्वारा आहूत बुरहानपुर में गुरुवार को बंद के दौरान उग्र भीड़ ने 11 निजी बसों एवं एक ट्रक को तोड़फोड़ दिया। इस बंद का काफी असर रहा, जिसके कारण यहां आम जीवन अस्त-व्यस्त रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उग्र भीड़ ने 11 निजी बसों एवं एक ट्रक को शहर के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर लाठियों एवं डंडों से मारकर तोड़फोड़ दिया। उन्होंने एक बस को आग के हवाले करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया।
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने स्टेट हाइवे नंबर 27 (इच्छापुर-इंदौर) पर ट्रकों पर पथराव किया, जिसके कारण इस मार्ग पर कुछ समय तक वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध रही। हालांकि, बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने हिंसा के मामले को दबाते हुए बताया, ‘‘बस स्टैंड पर अज्ञात लोगों ने केवल 11 खाली बसों एवं एक ट्रक के खिड़की एवं दरवाजों के शीशे तोड़े।’’
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उपद्रवियों ने स्टेट हाइवे नंबर 27 पर छह ट्रकों को नुकसान पहुंचाया है और बस स्टैंड पर एक बस को आग लगाने की कोशिश की, जैसा कि खबरों में दिखाया जा रहा है। श्रीवास्तव ने बताया कि स्थित अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि बौद्ध सोसाइटी, भीम सेना एवं अन्य दलित समूहों के आह्नवाहन पर गुरुवार को बुरहानपुर बंद किया गया है।