हरियाणा: मंत्री ने इनाम में दी थीं गायें, लौटाते हुए बॉक्‍सर बोली- दूध नहीं देती, उल्‍टे हमला करती हैं

हरियाणा की बीजेपी सरकार ने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में मेडल जीतने वाले महिला बॉक्सरों को इनाम में गायें दी थी। पर ये गायें महिला बॉक्सरों के परिवार के लिए आफत बनकर आ गईं थी। ये मुश्किल इतनी बढ़ गई है कि तीन महिला बॉक्सरों ने इन गायों को राज्य सरकार को वापस कर दिया है। गाय पाने वाली महिला बॉक्सरों का कहना है कि ये गाये दूध नहीं देती हैं उल्टे घरवालों को मारकर जख्मी कर देती हैं। रोहतक की बॉक्सर ज्योति गुलिया ने कहा कि जब सरकार ने उसे गाय दी तो पांच दिनों तक उनकी मां ने गाय की सेवा की, लेकिन दूध की बात तो भूल जाइए, गाय ने हमारे परिवार पर तीन बार हमला कर दिया। ज्योति गुलिया ने कहा, ‘गाय के हमले में मेरी मां घायल हो गई, और उनकी एक हड्डी टूट गई, हमने तुरंत गाय वापस कर दी।’ ज्योति ने कहा कि हम भैंस के साथ ही अच्छे हैं। बता दें कि पिछले साल 19 नवंबर से लेकर 26 नवंबर तक असम के गुवाहाटी में बॉक्सिंग चैम्पियनशिप हुई थी इसमें 6 बॉक्सरों ने मेडल जीता था। इनमें भिवानी की नीतू और साक्षी कुमार, हिसार की ज्योति और शशि चोपड़ा ने अपने अपने कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था। जबकि पलवल की अनुपमा और कैथल की नेहा ने कांस्य पदक जीता था।

ज्योति, नीतू और साक्षी ने अबतक अपनी गायें वापस कर दी हैं। इनका कहना है कि गाय के सिंग के हमले से उनके घरवाले कई बार जख्मी हो गये हैं। ज्योति के कोच विजय हुड्डा ने कहा कि बॉक्सरों को सरकार ने एक स्थानीय नस्ल की गाय इनाम में दी थी। इस बारे में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि वह गायों को बेहतर दूध देने वाली गायों से बदलने को तैयार हैं लेकिन उन्हें गाय की देखभाल करनी होगी और स्नेह से पालना होगा। हरियाणा के कृषि मंत्री ने ईनाम देते वक्त कहा था कि हरियाणा की बेटियों ने कम उम्र में शानदार कामयाबी हासिल की है, इसलिए उन्हें कुछ अलग पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सभी बॉक्सरों को एक-एक गाय देगी जिससे की बेटियां शुद्ध दूध-दही से सेहत और बुद्धि विकसित कर सकें।

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