चारा घोटाला: लालू यादव को सजा के बाद PM पर बरसे तेज प्रताप- मलाई तो नरेंद्र मोदी खा रहे हैं

चारा घोटाले में आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव को शनिवार को सजा का ऐलान हुआ। देवघर ट्रेजरी मामले में उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। सजा के ऐलान के बाद लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर बड़ा बयान दिया। कहा है कि जो गरीबों के लिए लड़ेगा, उनकी आवाज उठाएगा। उसे ही घेरा जाएगा। देश की जनता आक्रोश में है। पीएम मोदी बैठकर मलाई खा रहे हैं। आपको बता दें कि चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने आज (6 जनवरी) लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया है। देवघर ट्रेजरी मामले में फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई है। अब लालू यादव को इस अदालत से जमानत नहीं मिल सकेगी। उन्हें जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर लालू प्रसाद यादव 5 लाख रुपये का जुर्माना नहीं चुकाते तो उन्हें 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में कुल 16 लोगों को दोषी ठहराया गया था। लालू के अलावा दोषी फूल चंद, महेश प्रसाद, बाके जुलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजाराम को भी 3.5 साल कैद व 5 लाख रुपये की सजा दी गई है।

तेज प्रताव ने इस बारे में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि लालू जी को बेल मिलेगी। हमें न्यायिक प्रणाली में पूरा विश्वास है। हम झुकेंगे नहीं।”

बड़े बेटे ने आगे एक चैनल से कहा, “अभी इस बारे में हमें सूचना मिली है। अगर ज्यादा की सजा होती है तो हाईकोर्ट जाएंगे। देखिए गरीब की जो आवाज उठाएगा, चाहे हम उठाएंगे या कोई और उठाएगा उसे लोग ऐसे ही घेरने का काम करेंगे। देखिए जनता कैसे आक्रोश में है। किस तरह से कारनामा हो रहा है। नरेंद्र मोदी मलाई खा रहे हैं बैठ कर। सारी डील वही कर रहे हैं।”

वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे, जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था और लगभग 21 साल बाद इस मामले में गत 23 दिसंबर को फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में 23 दिसंबर को लालू प्रसाद समेत तीन नेताओं, तीन आईएएस अधिकारियों के अलावा पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, पशु चिकित्साधिकारी सुबीर भट्टाचार्य तथा आठ चारा आपूर्तिकर्ताओं सुशील कुमार झा, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी तथा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था।

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