लालू यादव को सजा के बाद आरजेडी का ऐलान- जेपी की तर्ज पर बिहार में शुरू होगा ‘एलपी’ आंदोलन
लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाये जाने के बाद बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के एक बाद फिर से तलवारें खिंच गई है। बीजेपी और जेडीयू ने इस फैसले का स्वागत किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक सुशील कुमार मोदी ने कहा, “सजा सजा होती है, चाहे वह साढ़े तीन साल की हो या सात साल की। इस मामले में मैंने, शिवानंद तिवारी और ललन सिंह ने जो पुख्ता प्रमाण के साथ आरोप लगाए थे, आज अदालत ने सजा सुनाकर उस पर मुहर लगा दी है।” वहीं आरजेडी ने इस फैसले को सत्तारूढ़ दलों की साजिश बताया है और कहा है कि वे लोग हाईकोर्ट जाएंगे। सजा के बाद लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा कि वे लोग, “हमलोग अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा यकीन है।” उन्होंने कहा, “जिस तरह जेपी आंदोलन के दौरान लालू जेल गए, ठीक उसी तरह अब बिहार में एलपी (लालू प्रसाद) आंदोलन शुरू होगा। राजद का संघर्ष जारी रहेगा। हम डरनेवाले नहीं हैं।”
लालू यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मकर संक्रांति के बाद बिहार के कोने-कोने में जाकर मोदी और नीतीश सरकार की पोल खोलेंगे। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने भी बिहार सरकार और केन्द्र की नीतीश सरकार पर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीबों, पिछड़ों, मुसलमानों की आवाज उठाने वालों को यह सरकार दबाना चाहती है।तेजस्वी ने कहा कि उन्हें हाई कोर्ट से लालू यादव को जमानत मिलने का भरोसा है। तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का लक्ष्य कभी भी सत्ता हासिल करना नहीं है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव, नीतीश कुमार नहीं हैं जो कुर्सी की खातिर किसी से भी समझौता कर लें। उन्होंने कहा कि अगर लालू यादव का मकसद कुर्सी होता तो आज वह सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर होते। तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘ थैंक्य, वैरी मच नीतीश कुमार।’ बता दें कि लालू यादव के ट्विटर अकाउंट से भी एक ट्वीट किया गया, “भाजपा की राह में चलने के बजाए मैं सामाजिक न्याय, सद्भाव और समानता के लिए खुशी से मरना पसंद करूंगा।” लालू यादव को देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है।