कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने खुद को बताया था 100% हिंदू, योगी ने पूछा- तो बीफ की वकालत कैसे करते हैं?
हाल में गुजरात और हिमाचल चुनावों में मिली जीत से उत्साहित बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में एक रैली कर सीएम सिद्धारमैया पर तीखा हमला बोला। योगी आदित्यनाथ में बेंगलुरु में आयोजित रैली में सिद्धारमैया के हिंदू होने पर सवाल उठाया। योगी ने कहा कि अगर सिद्धारमैया हिंदू हैं तो गोमांस खाने वालों की वकालत क्यों करते हैं? राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। इसी सिलसिले में जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए योगी ने कहा- सीएम सिद्धारमैया भी उसी तर्ज पर काम करने लगे हैं, जैसा कि गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया था, उन्होंने कई मंदिरों पर माथा टेका था और हिंदुत्व की बात करने लगे थे।
आदित्यनाथ ने कहा- मैंने ऐसे समाचार देखे हैं जिनमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद को हिंदू बता रहे थे। आपकी (बीजेपी समर्थकों) की ताकत को देखकर वह भी उसी राह पर चल पड़े हैं, जिस पर गुजरात चुनाव से पहले राहुल गांधी चले।
योगी ने कहा- हिंदुत्व जीने की एक शैली है। इसे धर्म, जाति, श्रद्धा और प्रार्थना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। हिंदुत्व गोमांस खाने की वकालत नहीं करता है। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर वह हिंदू हैं और हिंदुत्व का समर्थन करते हैं, तो क्या गोमांस खाने को समर्थन देकर सही कर रहे हैं?
उन्होंने आगे कहा कि जब सूबे में बीजेपी की सरकार थी तब उनकी पार्टी गायों की हत्या पर पूरी तरह से विराम लगाने वाला बिल लाई थी। कांग्रेस ने बिल पास नहीं होने दिया। उन्होंने धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार और उसकी विभाजनकारी नीतियों के कारण वह देश पर बोझ बन गई है। चुनाव के दौरान कांग्रेस लोगों को धर्म के नाम पर बांटती है। कर्नाटक को अब तक विकसित राज्य बन जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस इसे पांच वर्षों में पीछे की ओर ले गई। राज्य के विकास और युवाओं और किसानों की मदद के लिए बीजेपी को राज्य में लाने का समय आ गया है। कांग्रेस का विकास से साथ कुछ भी लेना-देना नहीं है।
योगी ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनावों में मिली बीजेपी की जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस कई राज्यों से उखाड़ी जा चुकी है। योगी शनिवार रात को बेंगलुरु पहुंचे थे। दिन में वह आदिचुंचनागिरी मठ के निर्मलानंद स्वामी से मिले थे। नवंबर में विधानसभा चुनावों से पहले होने वाली अमित शाह की परिवर्तन यात्रा में भी उनका नाम शामिल किया गया है।