सर्वेंट क्वार्टर में रहती थीं लालू की इकलौती बहन, हुआ अंतिम संस्कार, शामिल नहीं हो सके राजद सुप्रीमो

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहन गंगोत्री देवी का 75 वर्ष की आयु में रविवार (7 जनवरी) को निधन हो गया। लालू के परिवार ने कहा है कि वह अपने भाई को हुई साढ़े तीन साल की सजा का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकीं। बहन की मौत की खबर पार्टी नेता भोला यादव ने लालू को दी। अंतिम संस्कार गोपालगंज जिले के चक्रपाणि गांव में सोमवार को हुआ। तेजस्वी और तेज प्रताप ने अंतिम क्रिया की तैयारियां संभाली। लालू अपनी बहन के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। तेजस्वी ने द टेलीग्राफ से कहा, ”मुझे नहीं लगता कि ऐसा संभव है क्योंकि इसमें समय लगेगा और चूंकि आज संडे है इसलिए हम लालू जी को जेल से निकालने के लिए कुछ कर नहीं सकते। वह (गंगोत्री देवी) मेरे पिता की इकलौती बहन थीं और लालू जी को जेल होने के बाद से वह हमसे कहा करती थी कि उम्मीद नहीं खोना। यह सब अचानक हुआ, मगर हमें मजबूत रहना होगा।”
रविवार सुबह 11 बजे मौत की खबर मिलने के मिनटों बाद ही, लालू की पत्नी राबड़ी देवी और दोनों बेटे पटना वेटरिनरी कॉलेज के सर्वेंट क्वार्टर पहुंचे। गंगोत्री देवी यहीं रहती थीं और लालू ने भी यहां कई साल गुजारे हैं। राबड़ी रो रही थीं और बेटों की आंखें भी डबडबा गई थीं। राबड़ी ने सुबकते हुए कहा, ”वह लालू जी के बहुत करीब थीं और कई दिन से उनकी जेल से रिहाई की प्रार्थना कर रही थीं। वह बहुत परेशान थीं और साहेब (लालू) के जेल जाने के बाद से सदमे में थीं। वह हर रक्षाबंधन को लालू जी को राखी बांधती थीं।”
लालू और उनके छह भाइयों की गंगोत्री इकलौती बहन थीं, सबसे बड़ी। पति के गुजरने के बाद, उन्होंने अपने तीन बेटों और एक बेटी को पाला। सबसे बड़े बेटे वैदनाथ यादव की तीन साल पहले मौत हो गई। वह अपने पीछे दो बेटे रूदल यादव और बैलिस्टर यादव व एक बेटी उर्मिला देवी पीछे छोड़ गई हैं।