रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है भारतीय नौसेना
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में नौसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन देखने के बाद कहा कि देश की जलसेना किसी भी तरह के खतरे से राष्ट्र को बचाने में पूरी तरह सक्षम है। इस शो में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, तीन पनडुब्बियों समेत 10 से अधिक युद्धपोतों और नौसेना के कई विमानों ने भाग लिया। नौसेना ने बताया कि सीतारमण ने सोमवार से शुरू हुई दो दिन की प्रदर्शनी में कई जटिल नौसैनिक अभियानों का संचालन देखा जिनमें हवा में लक्ष्य पर निशाना साधना, मिसाइल, तोप और रॉकेट से प्रक्षेपण करना, रात में उड़ान भरना और पनडुब्बी रोधी अभियान शामिल हैं।
नौसेना के पश्चिमी बेड़े ने भारत के पश्चिमी तट पर परिचालन उत्कृष्टताओं और लड़ाकू क्षमताओं की बानगी पेश की। सबसे पहले रक्षा मंत्री आईएनएस कोलकाता में सवार हुईं जो कोलकाता श्रेणी का पहला स्वदेश निर्मित विध्वंसक पोत है। इसके बाद उन्होंने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर समुद्र में रात गुजारी। नौसेना ने एक बयान में कहा कि वास्तविक परिस्थितियों में विमानवाहक पोत के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए निर्मला सीतारमण आठ जनवरी की रात को जहाज पर एक कृत्रिम खतरों वाले माहौल से गुजरीं जहां उनके ‘एस्कॉर्ट’ साथ थे।
नौसेना ने उनके हवाले से कहा, ‘‘पश्चिमी बेड़े के कौशल का सीधा मुआयना करने के बाद मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना किसी भी तरह के खतरे से देश को बचाने में पूरी तरह सक्षम है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की ‘मिशन आधारित’ तैनातियों से समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने में प्रभावी योगदान मिला है।