हिमाचल प्रदेशः पाकिस्तानी नमक को मात देगा हिमाचली नमक

बीरबल शर्मा

पाकिस्तान से आयात किए जा रहे नमक को अब हिमाचल प्रदेश की मंडी से निकलने वाला सरकारी नमक मात देने जा रहा है। एशिया में इस वक्त केवल पाकिस्तान और नेपाल में ही चट्टानी नमक निकल रहा है, जो मवेशियों को खिलाने के अलावा औषधियों में भी प्रयोग किया जाता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के गुमा और दं्रग की पहाड़ियों से निकलने वाला नमक इन दोनों देशों के नमक से ज्यादा गुणकारी और औषधिय गुणों से भरपूर है। वर्ष 2011 से यहां नमक उत्पादन बंद हो गया था। भाजपा नेता रामस्वरूप शर्मा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इसे अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया था। चुनाव जीतकर शर्मा ने दिल्ली में इस कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधिकारियों से संपर्क साधा और घाटे में चल रहे हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड को वित्तीय मदद दिलाकर इसे चलाने में आ रही दिक्कतों का हल निकालने का खाका तैयार किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की इस मुहिम को सराहा और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। इसके बाद भारत सरकार के एक पत्र पर हिमाचल की पूर्व वीरभद्र सरकार ने तुरंत उद्योग विभाग के नाम से हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड को जमीन उपलब्ध करा दी और हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड ने सर्वे के बाद यहां चट्टानी नमक के अलावा 300 करोड़ की लागत से सोल्यूशन माइन आधारित खाने का नमक तैयार करने के कारखाने की संभावनाएं तलाशीं और अब 300 करोड़ की लागत से यह कारखाना मैगल में लगने जा रहा है, जबकि चट्टानी नमक निकालने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
28 मीटर तक बन चुकी सुरंग

प्रोडक्शन मैनेजर अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि इस काम में हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड रात दिन एक कर जुटा है। दं्रग में दो खानों की खुदाई कर नमक तक 28 मीटर लंबी सुरंग बनाई जा चुकी है। यह सुरंग 7 मीटर और बनाई जानी है। फिलहाल चट्टानी नमक खान से बाहर निकालने के लिए ट्रॉली भी बनाई जा चुकी है और ट्रक खान गेट के बाहर लगाने के लिए स्थान बनाए जा चुके हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द यहां से नमक सप्लाई शुरू हो जाएगी।

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