अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास में दूरियां बढ़ीं, दिल्ली सरकार के कवि सम्मेलन में न्योता नहीं
आम आदमी पार्टी में आंतरिक कलह थमती नहीं दिख रही। राज्य सभा टिकट बंटवारे को लेकर कुमार विश्वास ने बगावती तेवर अख्तियार कर रखते हैं तो पार्टी उन्हें भाव देने के मूड में नहीं। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार हर साल कवि सम्मेलन कराती है, मगर इस बार कुमार विश्वास को न्योता नहीं भेजा गया है। कुमार विश्वास इससे बेहद खफा हैं और पार्टी भी सीधा जवाब देने को तैयार नहीं। कला संस्कृति विभाग के तहत हिंदी अकादमी राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित कराती है, इस साल लाल किले पर बुधवार (10 जनवरी) को यह आयोजन होना है। इसका उद्घाटन खुद सीएम करेंगे। जब से दिल्ली में आप की सरकार बनी है, कुमार विश्वास को लगभग हर कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया जाता रहा है। विश्वास ने कहा, ”हिंदी के अलावा, उर्दू, संस्कृत और पंजाबी अकादमी ने भी अपने कार्यक्रमों में बुलाया है। इस बार परिस्थितियां ऐसी हैं कि सरकार की हिम्मत नहीं कि मुझे श्रोता के रूप में भी सहन कर सके। शायद सरकार में बैठे लोग मुझसे नजरें चुराने की कोशिश कर रहे हैं। लालकिले के कवि सम्मेलन में न्योता न मिलना महत्वपूर्ण नहीं, मैं तो लोगों के दिलों के लाल किले में बसा हुआ हूं।”
वहीं, इस पूरे मसले पर पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”वह आजकल एक-डेढ़ घंटे के इंटरव्यू दे रहे हैं, लोग उन्हें वहीं सुन सकते हैं। कवि सम्मेलन में कोई भी सुनने आ सकता है।” जब उनसे विश्वास की नाराजगी पर सवाल हुआ तो सौरभ ने कहा कि यह ‘पार्टी का आंतरिक मामला है और किसी भी मसले को सुलझाने का पार्टी का अपना तरीका है। परिवार में भी कोई भाई अगर गलत रास्ते पर जाता है तो भाइयों के बीच झगड़े होते हैं।
कुमार विश्वास राज्य सभा के लिए पार्टी द्वारा सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को टिकट दिए जाने से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने इसे अपनी ‘शहादत’ बताते हुए कहा था कि ‘मुझे सच बोलने की सजा मिली।’