लालू की पैरवी में यूपी से गया था जज को फोन? योगी आदित्य नाथ ने दिए जांच के ऑर्डर

चारा घोटाले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव के मामले में हर दिन नया मोड़ आ रहा है। लालू की पैरवी के लिए रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को उतर प्रदेश के दो अधिकारियों की ओर से फोन जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। लालू यादव को विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई है। वह रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चाईबासा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामलों की सुनवाई भी पूरी हो चुकी है। जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्‍ताह में फैसला आने की उम्‍मीद है। ऐसे में सीबीआई जज को उत्‍तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से कथित तौर पर पैरवी के लिए फोन जाने की खबर से खलबली मच गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जालौन जिले (उत्‍तर प्रदेश) के कलेक्‍टर और एसडीएम ने जस्टिस शिवपाल सिंह को फोन किया था। दोनों अधिकारियों ने लालू के पक्ष में फैसला देने की बात कही थी। उत्‍तर प्रदेश के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि कलेक्‍टर मन्‍नान अख्‍तर और एसडीएम भैरपाल सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। अख्‍तर ने कहा, ‘मैंने आधिकारिक या निजी फोन नंबरों से कभी भी जज को कॉल नहीं किया। मैं यहां (जालौन) चार महीनों से हूं। वह (शिवपाल सिंह) नवंबर में जमीन के एक विवाद के सिलसिले में हमसे मिलने आए थे।’ दोनों अधिकारियों द्वारा सीबीआई जज से बात करने का मामला उजागर होने के बाद राज्‍य सरकार भी हरकत में आ गई। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को इस हाईप्रोफाइल जांच की जिम्‍मेदारी झांसी मंडल के कमिश्‍नर अमित गुप्‍ता को सौंपी थी। जज शिवपाल सिंह जालौन के ही रहने वाले हैं।

लालू यादव को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पिछले साल दिसंबर में दोषी ठहराया गया था। सजा का एलान जनवरी में किया गया था। लालू दोषी ठहराए जाने के बाद से ही जेल में बंद हैं। चारा घोटाले से जुड़े दो अन्‍य मामलों में फैसला आना है, ऐसे में उनकी मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ सकती हैं। सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लालू के वकीलों ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। मालूम हो कि इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉक्‍टर जगन्‍नाथ मिश्रा को आरोपमुक्‍त कर दिया गया था।

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