माहवारी में अछूत माने जाने का विरोध, महिला ने चेहरे पर लगाया पीरियड का खून

पीरियड्स को लेकर आज भी ज्यादातर लोगों की सोच नहीं बदली है। इन दिनों  महिलाओं पर तमाम तरह की बंदिशें थोप दी जाती हैं। वजह कि माहवारी के दिनों में महिलाओं को ‘अपवित्र’ माना जाता है। नेपाल में तो हालत और ज्यादा खराब है। यहां  महिलाओं को घर से अलग झोपड़ी में रहना पड़ता है। कोई उनसे बातचीत तक नहीं करता। कुछ विकसित देशों को छोड़ दें तो दुनिया भर में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान तमाम तरह की बंदिशों से गुजरना पड़ता है। घर की रसोई से लेकर मंदिरों में में उनके प्रवेश पर पाबंदी होती है। ऐसा नहीं है कि माहवारी को लेकर इन भ्रांतियों पर समाज के किसी कोने से आवाज न उठी हो। अतीत में तमाम महिलाओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई।

मगर ऑस्ट्रेलिया की याजमिना हेड नामक महिला ने पीरियड्स के दौरान महिलाओं के साथ हो रहे गलत व्यवहार को लेकर कुछ अलग तरह से विरोध जताया। याजमिना ने पीरियड्स के खून को चेहरे पर लगा लिया। डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 26 वर्षीय याजमिना ने पीरियड्स का खून लगाते हुए चेहरे की फुटेज भी जारी की। बताया कि माहवारी को लेकर महिलाओं को शर्म करने की जरूरत नहीं है।

क्या कहा यजमिना ने

मिरर को दिए एक इंटरव्यू में याजमिना ने कहा कि -‘‘माहवारी को लेकर बहुत चीजें महिलाओं के साथ घटतीं हैं, उन्हें तरह-तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। मैने चेहरे पर पीरियड्स के खून लगाकर जताया कि इसमें कुछ भी बुरा नहीं है। माहवारी को लेकर सवाल नहीं उठने चाहिए। जब आप जीवन को सही तरीके से समझेंगे तो आपको माहवारी में कुछ भी गलत नहीं लगेगा। ”
यजमिना ने आगे कहा कि-‘‘मैं तमाम महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ रही हूं। उन्हें आमंत्रित कर रहीं हूं कि वे ब्लड के पॉवर को अपने तरीके से दुनिया को बताएं । ताकि लोगों को पता चले कि खून में सृजनात्मक ऊर्जा होती है। यह एक जीवन है। अगर खून नहीं आएगा तो फिर जीवन नहीं होगा। ”

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