Swami Vivekananda Quotes: इन 14 प्रेरणादायक विचारों को अपनाकर जीवन को बना सकते हैं सफल
भारत में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। 1984 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर इसे मनाने की घोषणा की थी। स्वामी विवेकानंद वो व्यक्ति थे जिन्होनें 25 साल की उम्र में ही अपना घर-परिवार को छोड़कर सन्यास ले लिया था। धार्मिक विचारधारा रखने वाले विवेकानंद जी के हर दिन के नियम में पूजा-पाठ शामिल था। स्वामी विवेकानंद ने पूरे देश में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। वो एक ऐसे समाज की कल्पना करते थे जिसमें धर्म या जाति के आधार पर मनुष्यों में कोई भेद नहीं रहे। विवेकानन्द को युवकों से बड़ी आशाएं थीं। विवेकानंद के व्याख्यान दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। विवेकानंद के विचारों पर दुनिया ने अमल किया और जीवन में बड़ी से बड़ी परेशानियों को दूर किया। आज उनके 155 वें जन्मदिन पर उनके इन प्रेरणादायक विचारों को अपने जीवन में उतारकर सफलता के मुकाम को हासिल करने का प्रयास कर सकते हैं।
– उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
– अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए उतना बेहतर है।
– उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
– ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमी ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
– जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हुआ हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।
– किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़ें, अपने भाइयों को आशीर्वाद दें और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दें।
– उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
– जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
– जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आए, आप यकीन कर सकते है कि आप गलत रास्ते पर सफर कर रहे हैं।
– यदि स्वयं में विश्वास करना, अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
– अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है। कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा तुम्हारा कोई गुरु नहीं है।
– स्वतंत्र होने का साहस करो। जहां तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो।
– खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
– जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।