प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले सुप्रीम कोर्ट के जज- कल को कोई यह न कह दे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है
सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने शुक्रवार(12 जनवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ बातें कीं और उनके कामकाज पर सवाल उठाया। चीफ जस्टिस के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले जस्टिस चेलामेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। चेलामेश्वर ने कहा कि पिछले 2 महीने से सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। चेलामेश्वर ने इस तरह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर ही सवाल उठा दिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से बातचीत की। उधर, मुख्य न्यायाधीश ने भी एटॉर्नी जनरल से बात की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सियासत भी तेज हो गई। भाकपा सांसद डी राजा जस्टिस चेलामेश्वर से मिलने उनके घर चले गए, जबकि यशवंत सिन्हा, ममता बनर्जी, राहुल गांधी आदि नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों के पक्ष में बयान दिये।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेलामेश्वर ने कहा कि कुछ बातों हम लोगों ने पर चीफ जस्टिस से कहा कि चीजें सही से नहीं चल रही हैं और सुधार के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि हम कुछ खास मांगों को लेकर चीफ जस्टिस से मिले थे, लेकिन दुर्भाग्यवश हम यह साबित करने में असफल रहे कि हम सही हैं। इसलिए हमारे पास देश को जानकारी देने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। एेसा इसलिए ताकि इस संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) की अहमियत बरकरार रखी जा सके। उन्होंने कहा, ‘कल को कोई यह न कह दे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है। ‘ जजों ने कहा कि जब तक इस संस्था को बचाया नहीं जा सकता, लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता। चेलामेश्नवर ने सात पन्नों की एक चिट्ठी भी सार्वजनिक की। उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस को दो महीने पहले यह चिट्ठी लिखी गई थी।
बता दें कि मीडिया में चीफ जस्टिस और चेलामेश्वर के मतभेद की खबरें आती रही हैं। पहले ऐसी खबर थी कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। ना ही उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ।