पहला मैसेज आने से राजा के जाने तक, 10.45 से 3.30 के बीच जस्टिस चेलामेश्वर के बंगले पर क्या हुआ, जानिए
भारतीय न्याय प्रणाली के इतिहास में 12 जनवरी का दिन ऐतिहासिक था। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल उठाए थे। सीजेआई के खिलाफ विरोध का झंडा उठाने वाले शीर्ष अदालत के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस जस्ती चेलामेश्वर के आवास 4 तुगलक रोड पर मीडियाकर्मियों को आमंत्रित किया गया था। जजों के इस फैसले से पूरा देश सन्नाटे में था और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इससे जुड़ी गतिविधियां सुबह से शुरू हो गई थीं।
सुबह 10:45: जस्टिस चेलामेश्वर के पर्सनल स्टॉफ के पास सुबह तकरीबन 10:45 एक मैसेज आया, जिसमें 30 लोगों के लिए इंतजाम करने के लिए कहा गया था। कर्मचारियों में इस बात को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि कुछ महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
सुबह 11:15: जस्टिस चेलामेश्वर तीन अन्य जजों जस्टिस मदन भीमराव लोकुर, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ कोठी पर पहुंचे। इसके बाद ही जस्टिस चेलामेश्वर के कर्मचारियों को मीडियाकर्मियों को बुलाने की सूचना दी गई थी। एक कर्मचारी ने कहा, ‘इसलिए हम कोठी छोड़ के कभी नहीं जाते…कुछ भी हो सकता है। हमलोगों को तो पता भी नहीं था कि हो क्या रहा है। चारों जज एक साथ आए…बाद में पता चला कि प्रेस कांफ्रेंस है।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जजों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करने की बात वायरल हो गई थी। इसमें सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया और रोस्टर सिस्टम को लेकर बातें होने लगी थीं। जस्टिस गोगोई अक्टूबर में सीजीआई बनने वाले हैं।
सुबह 11:30: पत्रकारों का आना शुरू हो गया था। शुरुआत में सुरक्षा गार्ड उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दे रहे थे, लेकिन जजों के निर्देश के बाद मीडियाकर्मियों को अंदर जाने दिया गया। तकरीबन 12 बजे तक पत्रकारों के आने का सिलसिला जारी रहा था। जस्टिस चेलामेश्वर हाथ जोड़कर उनका स्वागत कर रहे थे।
दोपहर 12:16: चारों जज लॉन में पहुंच गए। एक कॉफी टेबल पर माइकों को रख दिया गया था, ताकि उनकी आवाज ठीक से सुनाई दे सके। शुरुआत में जस्टिस चेलामेश्वर की आवाज सुनाई नहीं पड़ी थी। उन्होंने उसे दोहराते हुए कहा था, ‘सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही तरीके से नहीं चल रहा है। पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी बातें हुईं जो नहीं होनी चाहिए थीं।’ सभी जज जब आपस में बात कर रहे थे तो कुछ पत्रकार उनके करीब पहुंच गए थे। इस पर जस्टिस चेलामेश्वर को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
12:35: सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने सात पृष्ठों का पत्र तैयार किया था। उसे तकरीबन 100 पत्रकारों के बीच वितरित किया जाना था, लेकिन उसकी एक ही प्रति थी। ऐसे में जस्टिस चेलामेश्वर के असिस्टेंट के ऑफिस के बगल में उसे सिलसिलेवार तरीके से फैला कर रख दिया गया, जिससे मीडियाकर्मी उसे स्कैन कर सकें या फोटो खींच सकें। इससे वहां पर थोड़े समय के लिए भागम-भाग की स्थिति भी बन गई थी। पत्रकारों के लिए चाय और रसमलाई की व्यवस्था की गई थी।
2:35: सुप्रीम कोर्ट के दो अन्य जज जस्टिस एसए बोब्दे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव जस्टिस चेलामेश्वर के आवास पर पहुंचे थे।
3:30: दोपहर बाद तकरीबन साढ़े तीन बजे भाकपा नेता डी. राजा जस्टिस चेलामेश्वर से मिलने पहुंचे थे। वह सुप्रीम कोर्ट जज के आवास में पिछले दरवाजे से दाखिल हुए थे। उनकी पार्टी को बाद में इस पर सफाई भी देनी पड़ी थी।