दिल्ल्ली मे महिला डॉक्टर के चंगुल से 16 साल की एक किशोरी को मुक्त कराया गया : शरीर पर कई जगह मिले जलने के निशान
दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की टीम ने एक महिला डॉक्टर के घर से 16 साल की एक किशोरी को मुक्त कराया है। किशोरी के शरीर पर चोट, खरोंच और गर्म प्रेस से जलाए जाने के निशान मिले हैं। पुलिस उस प्लेसमेंट एजंसी की तलाश कर रही है जिसके जरिए डॉक्टर दंपति ने इस किशोरी को अपने घर काम पर रखा था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मॉडल टाउन पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी डॉक्टर को शुक्रवार रात को ही गिरफ्तार कर लिया गया और प्लेसमेंट एजंसी के दफ्तर पर छापा भी मारा गया। पुलिस उपायुक्त असलम खान के मुताबिक आरोपी के खिलाफ धारा 323, 342, 370, 374 और 75 व 79 (किशोर न्याय अधिनियम) व धारा 16 (बंधुआ मजदूरी अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया है। मॉडल टाउन के कल्याण विहार में रहने वालीं डॉक्टर चालीस वर्षीय निधि चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने किशोरी को बंधक बनाकर रखा था। निधि चौधरी दंत चिकित्सक हैं और घर पर ही क्लीनिक चलाती हैं। डॉक्टर के एक पड़ोसी ने शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग की महिला हेल्पलाइन 181 पर इस बारे में सूचना दी। सूचना मिलते ही आयोग की एक टीम दिल्ली पुलिस के साथ बताए गए पते पर पहुंची और किशोरी को मुक्त कराया। झारखंड की रहने वाली इस किशोरी को एक प्लेसमेंट एजंसी ने चार महीने पहले डॉक्टर के घर में काम करने के लिए रखवाया था।
इन चार महीनों के दौरान उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। घर में कैद करके रखने के अलावा उसे पैसे भी नहीं दिए गए। पुलिस के मुताबिक, किशोरी ने बताया कि उसकी मालकिन डॉक्टर है और वह उसे रोज बुरी तरह पीटती थी। किशोरी के पूरे शरीर पर गहरे घाव, काटने, खरोंचने और जलाने के निशान मिले हैं। उसने बताया कि उसकी मालकिन उसे गर्म प्रेस से जलाती थी और उसके ऊपर गर्म पानी भी फेंकती थी। मालकिन ने कई बार उसका गला दबाने की भी कोशिश की। यहां तक कि एक दिन पहले उसने गुस्से में किशोरी के सिर पर वजन तौलने वाली मशीन से कई वार किए। किशोरी ने बताया कि उसे कई-कई दिन तक खाना नहीं दिया जाता था और कभी-कभी दो दिन में दो बासी रोटियां दी जाती थीं। उसने यह भी बताया कि उसकी मालकिन इतनी ठंड में भी उसे स्वेटर नहीं पहनने देती थी और न ही रात में ओढ़ने को कंबल देती थी। महिला आयोग ने आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है। इसके अलावा आयोग ने किशोरी के इलाज, उसे मुआवजा दिलाने और उसे उसके परिवार से मिलवाने में मदद करने का भरोसा दिया है।