Treating India’s migrant workers like second class citizens is completely unacceptable. This action demonstrates BJP’s discriminatory mindset.https://thewire.in/213323/indian-passport-status-ecr/ …
नरेंद्र मोदी सरकार पर गरजे राहुल गांधी, कहा- इन लोगों के साथ कर रही भेदभाव
पते के सबूत के रूप में पासपोर्ट के काम नहीं आने की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह फैसला सत्तारूढ़ पार्टी की ‘भेदभावपूर्ण मानसिकता’ को दिखाता है। गांधी ने कहा कि यह कदम दिखाता है कि सरकार भारतीय प्रवासी कामगारों से दूसरे दर्जे के नागरिक के जैसा व्यवहार करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय प्रवासी कामगारों से दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह कदम भाजपा की भेदभावपूर्ण मानसिकता को दिखाता है।’’ पासपोर्ट के अंतिम पेज पर व्यक्ति के पते को प्रिंट नहीं करने के विदेश मंत्रालय के फैसले के बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आई है। इसका मतलब है कि यह यात्रा दस्तावेज सबूत के तौर पर वैध दस्तावेज नहीं रह जाएगा।
पासपोर्ट के अंतिम पन्ने में पिता का नाम या कानूनी अभिभावक, पासपोर्ट धारक की माता, जीवनसाथी का नाम और उनका पता दर्ज होता है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ”अब जबकि पासपोर्ट का आखिरी पन्ना प्रिंट नहीं होगा, इसीआर (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) दर्जे वाले पासपोर्ट धारकों के लिए नारंगी रंग के पासपोर्ट जैकेट वाले पासपोर्ट जारी किए जाएंगे और गैर इसीआर दर्जा वालों के लिए नियमित नीले पासपोर्ट ही जारी होंगे।’’ इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों वाली तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है और यह फैसला किया गया है कि पासपोर्ट का अंतिम पन्ना और पासपोर्ट कानून 1967 और पासपोर्ट नियम 1980 के तहत यात्रा संबंधी कागजात को प्रिंट नहीं किया जाएगा।
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