जम्‍मू-कश्‍मीर: सेना के ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ पर नेशनल कॉन्‍फ्रेंस विधायक ने उठाए सवाल, विधानसभा से वॉकआउट

सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की ओर से राज्य के शैक्षणिक मापदंड पर दिए बयान और ऑपरेशन ऑल आउट के विरोध में जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के सदस्य सदन से बाहर चले गए। जनरल रावत ने पिछले सप्ताहांत कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर में शिक्षक छात्रों को दो मानचित्र के बारे में बताते हैं, जिनमें एक जम्मू एवं कश्मीर का होता है और एक अन्य भारत का। शिक्षा मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने सेना प्रमुख के बयान की आलोचना की और कहा कि वह राज्य के शैक्षणिक मामलों में हस्तक्षेप न करें। एनसी के वरिष्ठ नेता अली मुहम्मद सागर की अगुवाई में विपक्षी पार्टी के विधायकों ने इस मुद्दे पर सदन में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बयान की मांग को लेकर आवाज उठाई।

एनसी ने श्रीनगर के हब्बा कदल में हालिया घेरा और तलाशी अभियान (सीएएसओ) पर भी बयान की मांग की। विपक्षी दल ने कहा कि श्रीनगर के हृदय में इस तरह का अभियान 17 वर्षो के अंतराल के बाद हुआ है। सागर ने पूछा, “क्या आप मध्य और उत्तर कश्मीर में भी दक्षिण कश्मीर जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं।” मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा कि सेना प्रमुख के बयान के बाद ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसमें किसी को पता नहीं है कि राज्य का प्रमुख कौन है। इसके बाद में एनसी विधायक इस मुद्दे के विरोध में सदन से बाहर चले गए।

वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दूला ने अपने ट्विटर हैंडल पर ऑपरेशन ऑल आउट के विरोध में सदन से वॉकआउट करने की बात को गलत बताया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा “हमने वॉकआउट सरकार द्वारा मुद्दे पर बयान देने से इनकार करने के विरोध में किया था।” बता दें कि सेनाध्यक्ष ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि ऑपरेशन ऑल आउट साल 2018 में भी जारी रहेगा। दक्षिण भाग के बाद हम उत्तरी कश्मीर में कार्रवाई करेंगे।

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