बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा- कमला मिल्स परिसर अग्निकांड ने हमारी अंतर्रात्मा को झकझोर दिया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कमला मिल्स परिसर अग्निकांड में 14 लोगों की मृत्यु की घटना ने समाज की अंतर्रात्मा को झकझोर दिया और यह आंखें खोलने वाली घटना है। अदालत ने कहा कि यह हादसा अग्नि सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने में प्रशासन की नाकामी का नतीजा है। अदालत ने स्थानीय निकाय से कहा कि वह अपने यहां चीजों को दुरुस्त करे। अदालत ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। याचिका में इस घटना की न्यायिक जांच और सभी रेस्तरां में अग्नि सुरक्षा जांच करने के लिए सरकार और बृहन्मुंबई महानगर पालिका को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति आर एम बोर्डे और न्यायमूर्ति आर जी केतकर की पीठ ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने हमारी अंतर्रात्मा को झकझोर दिया। यह समय बीएमसी को अपना घर ठीक करने का है।’’ मध्य मुंबई में 29 दिसंबर को हुए इस अग्निकांड में 14 लोगों की मौत हुई थी जबकि 30 अन्य घायलव हुए थे। बीएमसी के वकील अनिल साखरे ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने नगर निकाय प्रमुख अजय मेहता से इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि आयुक्त द्वारा इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देने की संभावना है। अदालत ने नगर निकाय को सुनवाई की अगली तारीख 12 फरवरी को रिपोर्ट की एक प्रति सौंपने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मुंबई की एक सत्र अदालत ने मोजो बिस्त्रो पब के फरार सह मालिक की अग्रिम जमानत याचिका कुछ दिनों पहले ही खारिज कर दी थी। अपने मुवक्किल की अग्रिम जमानत की मांग करते हुए टुली के वकील ने दलील दी थी कि कमला मिल परिसर में 29 दिसंबर को लगी भीषण आग ‘1 एबव पब’ से शुरू हुई थी। उन्होंने दलील दी थी कि इसलिए मोजो बिस्त्रो के मालिकों को हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। हालांकि, अभियोजन ने कहा था कि मुंबई फायर बिग्रेड की एक रिपोर्ट और प्रत्यक्षर्दिशयों के मुताबिक आग मोजो बिस्त्रों पब से शुरू हुई थी। अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दमकल विभाग ने कहा था कि हुक्का की चिंगारियों से मोजो बिस्त्रो से ही संभवत: आग शुरू हुई होगी।