1984 के सिख दंगों के गवाह को मिली धमकी, अगर लिया नाम तो बच्चों का हो जाएगा मर्डर
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य से संबंधित 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में अभियोजन पक्ष के एक महत्वपूर्ण गवाह ने आज यहां अदालत से कहा कि उसे धमकियां मिल रही हैं। अभियोजन पक्ष की गवाह शीला कौर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का ने जिला न्यायाधीश पूनम ए बांबा से कहा कि उनके मुवक्किल को फोन पर धमकियां मिल रही हैं कि अगर उन्होंने कुमार का नाम लिया तो उनके बच्चों की हत्या कर दी जाएगी। अदालत सूत्रों के अनुसार कौर ने अदालत से कहा कि उन्होंने 1984 में राष्ट्रीय राजधानी के सुल्तानपुरी इलाके में कांग्रेस नेता को भीड़ को उकसाते देखा था।
गवाह ने यह भी कहा कि उसे पहले मुहैया कराई गई सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। इसपर न्यायाधीश ने सीबीआई से मामले पर गौर करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने अदालत से कहा कि गवाह भरोसेमंद नहीं है और उसकी गवाही पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिये। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात फरवरी को निर्धारित कर दी।
बता दें कि 2016 के दिसंबर में ही दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे से संबंधित एक मामले में अग्रिम जमानत दे थी, जिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विकास धुल ने सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत को अनुमति दे दी थी। उन पर एक भीड़ को उकसाने का आरोप है, जिसने एक नवंबर, 1984 को यहां जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह तथा उनके बेटे अवतार सिंह की हत्या कर दी थी। मामले की जांच का जिम्मा हाल में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपने हाथ में लिया था।
अदालत ने उन्हें एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने को कहा था और उन्हें अदालत से बिना मंजूरी लिए देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है। कुमार को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। उनके जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने की भी संभावना है।
1984 में सिख अंगरक्षकों द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में लगभग 3,000 सिख मारे गए थे। सिखों की सबसे ज्यादा हत्याएं दिल्ली में हुई थीं। सज्जन कुमार सहित कांग्रेस के कुछ राजनीतिज्ञों पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है।