पाकिस्तान: 1800 से ज्यादा मौलानाओं ने फिदायीन धमाकों के खिलाफ जारी किया फतवा
पाकिस्तान में 1800 से ज्यादा मौलानाओं ने फिदायीन धमाकों के खिलाफ फतवा जारी किया है। मंगलवार को यहां की सरकार ने इसे अपनी एक किबात का अनावरण कर पेश किया। देश के अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक विश्वविद्यालय ने इसे तैयार किया है। फतवे के जरिए कहा गया है कि आत्मघाती हमले हराम हैं। ये इस्लाम की शिक्षा के बिल्कुल विपरीत हैं। हालांकि, इस हमले के ठीक एक दिन बाद यानी आज बुधवार (17 जनवरी) को यहां के सबसे बड़े शहर कराची में फिदायीन हमला हुआ। मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। पुलिस का एक अधिकारी इस हमले में बाल-बाल बचा है। हमलावरों ने इस दौरान उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दो गनमैन मारे जाने की खबर है। आपको बता दें कि सालों से पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथ के चलते हिंसा से ग्रस्त रहा है। जिहाद के नाम पर कट्टरपंथी आतंकी और फिदायीन हमलों को अंजाम देते रहे हैं।
यह फतवा राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पेश किया था। उन्होंने इस दौरान कहा, “यह उदारवादी इस्लामिक समाज के लिए आधारशिला की भूमिका निभाएगा। कट्टरपंथ को मिटाने और इस्लाम के सिद्धातों को अमल में लाने में यह हमारी मदद करेगा।”
पाकिस्तान में कट्टरपंथ के खिलाफ यह पहला फतवा नहीं है। बरेलवी समुदाय भी इससे पहले एक फतवा जारी कर चुका है, मगर वह असरदार साबित नहीं हो सका था। पाकिस्तान में कई कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, सिपह-ए-सहाबा, लश्कर-ए-तोमर, तहरीक-ए-तालिबान, जेके लिब्रेशन फ्रंट और हक्कानी नेटवर्क आदि शामिल हैं।