आरएसएस की मानहानि केस में हाजिर नहीं हुए राहुल गांधी, कोर्ट ने कहा- 23 अप्रैल को रहिएगा

संघ की मानहानि के मुकदमे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यश्र राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ रही है। गैरहाजिरी पर भिवंडी कोर्ट ने उनके वकील की दरख्वास्त पर माफी तो दे दी मगर 23 अप्रैल की सुनवाई के दौरान हर हाल में उपस्थित रहने को कहा है। राहुल गांधी के खिलाफ गांधी की हत्या के मामले मे संघ को बदनाम को लेकर 2014 से इस स्थानीय अदालत में केस चल रहा है। संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि राहुल गांधी ने 2014 में एक रैली में गांधी की हत्या में संघ का हाथ बताकर मानहानि किया। जबकि ऐसा कोई साक्ष्य सा सुबूत नहीं है, जिसके आधार पर हत्या में संघ को दोषी बताया जा सके। इस मामले में भिवंडी अदालत से राहुल को जमानत मिल चुकी है, फिलहाल केस ट्रायल पर है। राहुल के उपस्थित न होने पर उनके वकील ने माफी की अर्जी दी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने 23 अप्रैल को सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के आदेश दिए। माना जा रहा है कि इस दिन कोर्ट इस केस में फैसला दे सकता है।

राहुल गांधी की मुसीबत पिछले साल तब और बढ़ी थी, जब उनके साथ सोनिया गांधी और सीताराम येचुरी के खिलाफ भी मुंबई के एक वकील ने संघ की मानहानि करने का केस दायर किया था। जिसमें आरोप लगाया कि तीनों नेताओं ने कर्नाटक की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया। यह पिटीशन मुंबई के वकील ध्रुतिमान जोशी ने कुर्ला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दाखिल किया। जोशी ने मीडिया में राहुल और येचुरी के बयानों का संदर्भ दिया, जिसमें उन्होंने लंकेश के मर्डर में संघ की विचारधारा का लिंक जोड़ा था। इस मामले की भी सुनवाई चल रही है।
बता दें चार साल पहले ठाणे रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि- ‘संघ के लोगों ने ही गांधी को मारा था, मगर आज वही लोग गांधी की बात करते हैं’

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