चीन ने बढ़ाई भारत की चिंता, अरब सागर मे कर रहा परमाणु पनडुब्बी तैनाती की तैयारी
चीन आने वाले दिनों में अरब सागर में भारत की सिरदर्दी बढ़ा सकता है। दरअसल, ड्रैगन पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट (बलूचिस्तान) पर परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी तैनात करने की तैयारी में जुटा है। अरब सागर में भारत और पाकिस्तान की सीमाएं लगती हैं, ऐसे में इस क्षेत्र में चीनी परमाणु पनडुब्बी की मौजूदगी भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। इस परियोजना को गति देने के लिए हाल में ही चीन के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद का दौरा किया था। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ग्वादर पोर्ट पर जल्द से जल्द परमाणु पनडुब्बी को ऑपरेशन में लाना चाहती है। बीजिंग पाकिस्तान के इस क्षेत्र में सैन्य अड्डा विकसित करने की योजना भी बना रहा है। बेल्ट रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत चीन ग्वादर पोर्ट को विकसित करने के लिए व्यापक पैमाने पर निवेश कर रहा है। चीन द्वारा यहां परमाणु पनडुब्बी तैनात करने के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि बीजिंग इस पोर्ट को रणनीतिक अड्डा बनाना चाहता है, ताकि भारतीय नौसेना की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके।
डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के परमाणु पनडुब्बी पर एटोमिक रिएक्टर भी होगा। इसकी मदद से वह लंबे समय तक समंदर में रह सकता है। मालूम हो कि पाकिस्तान नेवी पनडुब्बियों से संपर्क साधने के लिए वेरी लो फ्रीक्वेंसी (वीएलएफ) बनाने में जुटी है। इससे एक ही समय में पनडुब्बियों से संपर्क साधा जा सकेगा। चीन पाकिस्तान नेवी के साथ मिलकर इस परियोजना को पूरा करने में जुटा है। एंटिना टॉवर, भूमिगत वीएलएफ बिल्डिंग और पावर स्टेशन को बनाने का काम चल रहा है। आपात परिस्थितियों में यह बेहद कारगर होगा। इसके अलावा पाकिस्तान ग्वादर पोर्ट पर चीनी कंपनियों की मदद से फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) भी तैयार करने में जुटा है। यहां पर पाकिस्तानी नेवी और पीएलए द्वारा तैनात किए जाने वाले परमाणु पनडुब्बियों का रख-रखाव किया जा सकेगा।
मालूम हो कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को चीन के पश्चिमी प्रांत शिनजियांग से जोड़ता है। ऐसे में इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियां पहले से ही बढ़ी हुई हैं। भारत शुरुआत से ही इसको लेकर आपत्ति जताता रहा है। इस प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा गुलाम कश्मीर से होकर गुजर रहा है। मालूम हो कि श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट को चीन पहले ही लीज पर ले चुका है। इससे अफ्रीकी देश जिबूती में एक सैन्य अड्डा भी विकसित कर चुका है। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बी की मौजूदगी का पहले ही पता चल चुका है। ऐसे में ग्वादर में परमाणु पनडुब्बी तैनात कर चीन अपने आक्रामक रुख का स्पष्ट संकेत देने की कोशिश में है।