कंज्यूमर कोर्ट ने फार्मेसी कॉलेज पर ठोका 50 हजार का जुर्माना, बांट रहे थे फर्जी डिग्री

शीर्ष उपभोक्ता शिकायत निपटारा आयोग का कहना है कि कुछ निजी कॉलेज गुमराह करने वाले विज्ञापनों से छात्रों को लुभा रहे हैं। आयोग ने राजस्थान के एक फार्मेसी इंस्टीट्यूट से एक बिना मान्यता वाले पाठ्यक्रम में प्रवेश देने और अवैध डिग्री प्रदान करने पर एक छात्र को 50 हजार रुपए देने को कहा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने राजस्थान के ‘गोयंका कॉलेज ऑफ फार्मेसी’ से अनिल कुमार कुमावत के शुल्क वापस करने को कहा। आयोग ने संस्थान से मुआवजे के अलावा अदालती खर्चे के रूप में पांच हजार रुपए देने को कहा।

पीठासीन अधिकारी बी सी गुप्ता और सदस्य एस एम कांतिकर की पीठ ने कहा, ‘‘हमारे देश में यह अक्सर पाया जाता है कि निजी संगठनों से संचालित कुछ पेशेवर संस्थान गुमराह करने वाले विज्ञापनों और दावों से छात्रों को लुभाते हैं और भारी शुल्क या डोनेशन एकत्रित करते हैं।’’ पीठ ने कहा, ‘‘ज्यादातर आकांक्षियों को पाठ्यक्रम की कानूनी स्थिति के बारे में अंधेरे में रखा जाता है।’’ पीठ ने कहा कि कुछ संस्थान उचित आधारभूत ढांचे और वैधानिक अनुमति के बिना छात्रों का प्रवेश ले लेते हैं। आयोग ने कहा कि मासूम छात्र ऐसे लुभावने आश्वासनों का शिकार बन जाते हैं और उज्ज्वल भविष्य की आशा में प्रवेश ले लेते हैं।

पीठ ने संस्थान के आचरण को अनुचित व्यापार परंपरा का दोषी पाया। वहीं दूसरी तरफ खबर है कि प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल व ऑनलाइन शिक्षा फर्म कोर्सइरा ने बुधवार को आईटी क्षेत्र में शुरुआती रोजगारों के लिए एक प्रमाणन पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। इस पाठ्यक्रम के जरिए कोई भी युवा जिसे कोई पूर्व अनुभव नहीं है, वह आठ से 12 महीने में शुरुआती स्तर के आईटी समर्थन रोजगार के लिए तैयार हो सकता है। इस पाठयक्रम के विशेषज्ञों ने तैयार किया है और यह विशेष रूप से कोर्सइरा पर उपलब्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *